“मेरा भरोसा है कि अच्छे लोग, हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों, हम सबमें हैं। और यह इन अच्छे लोगों के कारण है कि दुनिया चल रही है। हथियार लेकर घूमने वालों के कारण नहीं।”
गांधी अहिंसा में भरोसा रखते थे। लेकिन यह अहिंसा उन्हें कायरता नहीं सिखाती थी। यह उन्हें शत्रु के सामने झुककर माफ़ी माँगना नहीं सिखाती थी। यह उन्हें युद्ध से पीठ दिखाकर भागना भी नहीं सिखाती थी। हालाँकि वह जानते थे कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं। गांधी को अपने हिंदू होने पर गर्व था। उन्हें पढ़ते हुए कोई भी इसका अंदाजा लगा सकता है। लेकिन उनका हिंदू होना उन्हें दूसरों से नफ़रत करना नहीं सिखाता था।— % &
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