सुनो....
कि जग जाहिर है; अब ख़्याल नहीं तुम्हें हमारी,
ख़ैर! शुक्रिया इस “हम” से “मैं” तक की सफ़र के लिए।-
अरे हाँ, विचित्र किन्तु सत्य प्राणी।😉
💠... read more
सुनो न....
तुम्हारी परवाह में जो सुकून है,😌
कमबख़्त तुम्हारे बाद भी लौ-ए-मोहब्बत बुझने नहीं दे रही!-
अरे सुनो....
अब जो लिखता नहीं मैं तुम्हें,
लोग हमारी मोहब्बत पे सब करने लगे हैं।😔-
मौसम-ए-इश़्क के आगमन व सातरात्रि के पहले दिन श्री ‘रोज़ डे’ पर आप समस्त विश्वगुरु वासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ! ❣️
प्रार्थना है कि गुलाब की पंखुड़ियों की तरह टूट कर बिखरने वाले बेरोज़गार युवाओं को भी नौकरी एवं गिरिलसखी 🧑🦰के सुख प्राप्त हो।— % &-
“मेरा भरोसा है कि अच्छे लोग, हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों, हम सबमें हैं। और यह इन अच्छे लोगों के कारण है कि दुनिया चल रही है। हथियार लेकर घूमने वालों के कारण नहीं।”
गांधी अहिंसा में भरोसा रखते थे। लेकिन यह अहिंसा उन्हें कायरता नहीं सिखाती थी। यह उन्हें शत्रु के सामने झुककर माफ़ी माँगना नहीं सिखाती थी। यह उन्हें युद्ध से पीठ दिखाकर भागना भी नहीं सिखाती थी। हालाँकि वह जानते थे कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं। गांधी को अपने हिंदू होने पर गर्व था। उन्हें पढ़ते हुए कोई भी इसका अंदाजा लगा सकता है। लेकिन उनका हिंदू होना उन्हें दूसरों से नफ़रत करना नहीं सिखाता था।— % &-
मित्रों वास्तव में दोगलयी की पराकाष्ठा देखना हो तो उन बुद्धिजीवी भगतों को देखो जो एक तरफ गांधी कि निंदा करते हुए ये कहता है, कि चरखे, अहिंसा, धरने या शांति प्रर्दशन से हमें आज़ादी नहीं मिली। इसके लिए खून बहाना पड़ा, हथियार उठाने पड़े!
और दूसरी ओर जब छात्रों ने उग्र आंदोलन कर अपने हक के लिए आवाज़ उठाई तो इनके समस्त अंगों से धुआं उठ रही है और ये छात्रों को मर्यादा सिखाने चले हैं कि तोड़-फोड़ और आगजनी करने को ग़लत बता रहे हैं। माना यह ग़लत है किन्तु हुतियों तब कहाँ थे जब छात्रों के 90 लाख ट्वीट और हजारों पत्रों व शांति वार्ता को अनदेखा किया गया।
#RailwayProtest-
बुद्ध, महावीर, गुरु गोविंद सिंह, आर्यभट्ट, चाणक्य से सम्पूर्ण विश्व को आलोकित करने वाली महान ज्ञान ,
समृद्ध इतिहास और शक्तिशाली सम्राज्य की भूमि बिहार के स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ!
बिहार ❣️-
स्त्रियों के नाम से फेक आईडी चलाने वाले
तुच्छ बेशर्मों को भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की
ढाई सौ ग्राम बधाई!
😂
#InternationalWomensDay-
देखो! हम याद नहीं करते तुम्हें....❣️
ये तो मौसम-ए-बरसात की शरारत है!😌-
पता है....
कि छूट गई उससे जुड़ी सभी आदतें कब की,
बस अब उससे इश्क़ छूटे तो कमबख़्त चैन की साँस लूँ।-