माँ
हे! प्रथम वन्दनीय,प्रथम गुरु
माँ तुझको सब कुछ अर्पण है
जब आंख खुली इस दुनिया में
मुख तेरा ईश्वर दर्पण था
मैं रहता अक्क्षुण क्रंदन में
आँचल तेरा अवतर्पण था...
(शेष अनुशीर्षक में पढ़े ........)
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अभिसिंचित हूँ
माँ के प्यार की बदली से ही...
झुलसाती धूप में ढांप लेती है
वो अपने आंचल में मुझको...
जाड़े की ठिठुरन में दे देती है
अपने हिस्से की धूप सभी...
नमी रहती उसकी वसुंधरा में
अंकुरित होता उसमें अनुराग सदा..
हृदयकोष कभी रिक्त ना हुआ
उसका स्नेह की पूंजी से...
हर पीड़ा सहकर भी
मुस्कुराती थी उसकी आंखें...
एक दरिया रहता था उसकी आँखों में
ये जाना मैंने माँ बनकर....
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"माँ".... तुम्हें क्या लिखूँ
तुम हो.. बस
लेकिन,
सुनो न "माँ"
"पापा" ....
तुम्हारी अनुपस्थिति में
तुम जैसे ही है
और,
वो भी जो बिल्कुल "माँ" सी है
लेकिन, कभी "माँ" नहीं बन सकी
"मातृत्व और ममत्व" से परिपूर्ण
सम्पूर्ण है न... नारीत्व से!!
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She asked who inspires you the most ?
I replied "my mom ,yes , my mom". Everyday I go downstairs and see my mother in the kitchen .
Cooking food for us everyday without any fail,be it the Breakfast , lunch or dinner even if she is unwell and this inspires me a lot to do my work on time .-
बीमार मैं होता ,
रात भर जगती तू है , माँ ।
चोट मुझे लगती ,
ओर दर्द तुझे होता है , माँ।
तकलीफ मे मैं रहता ,
ओर पता तुझे चल जाता है , माँ ।
हर वक़्त खड़ी रहती है मेरे लिए ,
तू मेरी #डॉक्टर है , माँ ।
Happy Mother's Day ❤️-
माँ
इस मतलबी दुनियाँ में
वह दिल जिसने मुझे पहचाना है
माँ वो सिर्फ़ तुम्हीं तो हो
जिसने क़रीब से मुझे जाना है,
मेरी दिल की हर बातों को
वो बिन बोले ही सुन लेती है
मुझ पर अपनी ममता लुटा कर
मेरे दुखों को हर लेती है,
प्रसव पीड़ा को सहकर भी
उसने मुझको जन्म दिया है
गर्भ से ही मेरी सलामती के लिए
कभी अपनी दुआ ना कम दिया है,
तन और मन को लुटाकर उसने
मुझ पर अपना सब कुछ वार दिया
अपनी ख़्वाहिशों को त्यागकर
हर माँ ने अपने औलाद से प्यार किया,
अपने खून को सींच कर
मुझको अपना दूध पिलाया
आज जिसके पास भी माँ है
उसे बड़ा ही ख़ुशनसीब है बनाया,
मेरी अंधेरी-सी ज़िन्दगी में
वही एक मात्र सितारा है
कठनाइयों भरे सागर का
वही एक मात्र किनारा है,
देवताओं ने बड़ा अनोखा बनाया उनको
निस्वार्थ प्रेम और त्याग की वो मूरत है
ऐसी दिखती मातृत्व की छाया उनमें
मुझे लगती सबसे वही खूबसूरत है,
पिता जी के जाने के बाद भी
वही माता और पिता हमारी बन जाती है
अपने संघर्षों और बुरे वक़्त से लड़कर भी
वही असली ज़िन्दगी जीना हमें सिखाती है।
-पिंकी गिरी-
کرتا ہے محبت بھی جس ذات کا اعتراف ،
करता है मुहब्बत भी जिस ज़ात का ए'तेराफ
اسے عرش پہ خدا اور فرش پہ ماں کہتے ہیں ۔
उसे अर्श पे खुदा और फर्श पे मां कहते हैं ।।
-راشد کہلگانوی-