महाकाल की हैं एक महाकाली भी
जो हैं शिवप्रिया , शिवशक्ति भी
सृष्टि का आधार शिव, और हैं
वो शिव की अर्धांगिनी भी
शिव से हम पूर्ण हैं, और बिना
उनके शिव हैं स्वयं अपूर्ण भी,
तभी तो कहते स्वयं को "शव"
शिव बिना "शक्ति" के
ऊर्जा हैं शिव ,और शक्ति हैं शिवप्राण भी,
नारी से ही जीवन ऊर्जा हैं, बन
अर्धनारीश्वर देते जग को यही ज्ञान भी🙏🙏,-
तू एकांत, अरण्य,तप
शिव साधना अंतर्धान
मैं बिल्ब, धतूरा, रुद्राक्ष
भौर भक्ति शंखनाद
क्षण भर का संयोग नहीं ये
कण से कण का अनंत प्रेम रूप है🌼🌸🌿
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संभव हो तुम, असम्भव भी तुम्हीं हो
कभी विपदा तो कभी उत्सव भी तुम्हीं हो
सहज-असहज सारे क्षणों में
यात्रा हो तुम, और पड़ाव भी तुम्हीं हो..
परिपूर्णता हो तुम, अकाल भी तुम्हीं हो
कभी निष्प्रभ तो कभी उज्ज्वल भी तुम्हीं हो
गति और सुगति के आवर्तन में
शंकर हो तुम, और महाकाल भी तुम्हीं हो..
शून्य हो तुम, शिखर भी तुम्हीं हो
कभी शम्भू तो कभी महीश्वर भी तुम्हीं हो
भक्ति और प्रेम के समावेश में
भक्तवत्सल हो तुम, और चन्द्रशेखर भी तुम्हीं हो..-
भोले
छोटे छोटे भक्तो की बड़ी परीक्षा
दया करो भोलेनाथ कृपा करो भोले|
तेरी ही इच्छा में सबकी है इच्छा
दया करो भैरव कृपा करो भोले|
तुमने रुलाया तुम्ही हंसाओ
कृपा करो उमापति दया करो भोले|
भंवर में हो नैय्या तो पार लगाओ
कृपा करो शंकर दया करो बोले|-
कैसे कह दुँ मैं.........कि मेरी हर दुआ बेअसर हो गयी,
मैं जब भी चुपके से रोया मेरे भोलेनाथ को ख़बर हो गयी।-
अब दिल में चुभती है, नाराज़गी मेरी तुझसे ।
कि क्या कहें अब और, क्या छिपा है तुझसे ।।-
Mahadev, don't leave me now
when I need you most,
Mahadev, please guide me
since I got myself quite lost..
I had all I needed
in the fist of my hand,
but because of my greed,
I lost my only friend.
Mahadev, don't leave me, please
I can't do this alone.
I'm begging you on my knees.
I can't live on my own.
Mahadev, O devo ke dev
you are wise and strong,
and you are all I've got.
How could I be ever wrong?
Mahadev, forgive me, please
I know I have sinned.
Mahadev, don't punish me
now I'm sober and clean.
Mahadev, don't leave me now
when I need you most.
I will work things out
because not all is yet lost..-
हे शशिशेखर! हे पिनाकी! महाकाल कण-कण वासी,
सकल चराचर के संहारक,जग तारक विरुपाक्षी।
हिरण्यरेता प्रजापति सदैव आपका ध्यान रहे
सबको आशीष ऐसा दीजै ,सब इच्छित परिणाम रहे।।-
🙏हर हर महादेव 🙏
सती ने स्वयं को भस्म कर
आत्मा शिव को समर्पित की
शिव स्वयं संसार से विरक्त
होकर सती की राह तकते रहे
शिव सती के प्रेम का मर्म
संसारिक क्या जाने
मोह को प्रेम और स्वार्थ को
पूज्यनीय माने-