प्रेम और विश्वास में समानता ???
ये दोनों ही
भोले,भावुक लोगों को कम अक़्ल साबित करते हैं !!!-
श्याम, पीत, धूसर मिट्टी हर रंग नश्वर
नित्य अमर एकमात्र तत्व-ईश्वर🌿🌼🌺-
तू एकांत, अरण्य,तप
शिव साधना अंतर्धान
मैं बिल्ब, धतूरा, रुद्राक्ष
भौर भक्ति शंखनाद
क्षण भर का संयोग नहीं ये
कण से कण का अनंत प्रेम रूप है🌼🌸🌿
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मीडिया फन-तंत्र,
बेरोजगार पर-तंत्र,
गिरता अर्थ-तंत्र,
सबकुछ दिखता है,
पर
दिखता नही
सच्चा लोक-तंत्र....-
मैंने
देखा है,
प्रेम को
मस्त मगन
इठलाते हुए,
जब जब
तुम
मुस्काए हो,
हंसी
छिपाते हुए,-
कभी हम भीड़ में होगें,
कभी शोर हम में होगा,
कभी हम सपनों का निवाला होगें,
कभी ख़्वाहिशों को निगल लेंगें,
कभी आज रेत सा होगा,
कभी कल में जकड़े होगें,-
मैं
ताक पर नही रख सकती,
अपनी पहचान
पसंद
परिभाषा,
जो हूँ
तुम्हें वैसे
ही स्वीकार
करना होगा,-
मेरे शब्द
सुर्ख़ हुए
तेरी मुस्कुराहट से,
ये हरे हो गए
तेरे हृदय की कोमलता से,
और
जब जब
तुम मौन हुए
ये पीले पड़ गए,-
तुम एक
प्रेम कहानी
से हो,
और
मैं ख़ुश हूँ,
"ज़रा" ही सही
इसमें
मेरा क़िरदार
तो है.....-
यूँ ही सलाह देना आम है,
जिओ तो सही कभी क़िरदार किसी का,
जूझ रहा यहाँ ख़ुद से हर इंसान है-