QUOTES ON #मर्ज़

#मर्ज़ quotes

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11 MAY 2020 AT 21:21

जो लाये थे यह मर्ज़
अब घर में दुबक रहे हैं
वो अमीर तो हैं सुक़ून से
पऱ मुफ़्लिश सुबक रहे हैं

बाह रे ख़ुदा.., क्या इंसाफ है तेरा
नोटों की सज़ा..सिक्के भुगत रहे हैं..!

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13 APR 2020 AT 20:30

यह किस सफऱ से आया हूँ
यह मैं किस सफऱ पे जाता हूँ,
इक लम्हें से जुड़ता हूँ
तो इक लम्हें से बिछुड़ जाता हूँ,

उम्र ने कितने प्यार से..
छीन ली रंगत चहरे की,
के अब पुरानी तस्वीरें देखकर ही
..मैं संबर जाता हूँ,

है गुलाब के फ़ूल सी..
बेबस यह ज़िन्दगी
के काटों में भी मैं
ख़ूबसूरत सा नज़र आता हूँ,

फैला यह कैसा मर्ज़ है..
के खुल गयी परतें रिश्तों की
ख़ुद को ही छूने से
आजकल में डर जाता हूँ..!

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12 NOV 2019 AT 23:27

तुमको क्या मालूम ऐ रूप
जाने कितना ख़ुदग़र्ज़ हूँ मैं
मौका परस्ती फितरत तो नहीं
सफर के अपने ही दर्द हूँ मैं

किस्मत खराब वज़ह ये नहीं
मंजिल के लिए बेफ़र्ज़ हूँ मैं
जो असर न करे ज़िन्दगी भर भी
समझ लो ऐसे दवा-ए-मर्ज़ हूँ मैं

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13 DEC 2017 AT 19:47

कमजोर नहीं, कमजोरी हैं मेरी याददाश्त,
अतीत मेरा मर्ज़ जो बन गया है अब!

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19 MAR 2018 AT 20:28

तुझे सोच कर मुस्कुराना, मुस्कुरा कर सोचना तुझे,
बस है यही मर्ज़ मेरा, मेरा इलाज़ यही है बस..

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3 AUG 2018 AT 16:14

हमने भी ज़िन्दगी को जीने का यूँ इरादा किया
पलट के न पीछे देखेंगे कभी खुद से ये वादा किया

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12 JUL 2017 AT 17:34

आग़ाज़ हमारा है..अंजाम भी हमारा होगा,

इस वजूद की जंग में..अब हर मर्ज़ गवारा होगा।

घर से जो निकले हैं..कुछ ख्वाब छिपाए मुट्ठी में,

मिट्टी और ईंट जुटा लूं आज..इनसे ही कल बनाना होगा।

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30 JUL 2017 AT 15:29

सुना है मेरी बेहतरी तक रुकेंगे वो
या ख़ुदा मेरे मर्ज़ को लाइलाज़ कर दे।।

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5 JUL 2017 AT 3:53

कू-ए-दोस्त से जो
तन्हा-तन्हा सा गुज़रा
यह अहसास हुआ
यही है वो नाज़नीं
जिससे मुझे है प्यार हुआ

लाज़वाल लाजवाब सा प्यार हुआ
किया नहीं फ़िर भी यह प्यार हुआ

मरासिम पुराना सा
दस्तूर नया सा हुआ
जिससे होती है सबसे ज़्यादा बात
उसी से ना कहने का मर्ज़ सा हुआ

साथ होते हुए जो कभी ना हुआ
वो उठी वो गयी और गज़ब हुआ
ये क्यूँ हुआ कैसे हुआ, कब हुआ
जो भी हुआ, बड़ा बे-सबब हुआ
मैं चला यारों
मुझको है इश्क़ हुआ

- साकेत गर्ग

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3 MAR 2018 AT 20:34

कि हम खुदगर्ज़ हैं तो खुदगर्ज़ सही
है इश्क़ अब मर्ज़, तो कोई हर्ज़ नहीं

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