तमन्ना मेरी थी, कि तू साथ चलती
मगर तारे को चाँद मिलता कहाँ है-
अजीब द्वंद है, ख़ुद राम हूँ, ख़ुद ही ह... read more
उदासी का रंग,
बिल्कुल
इंतज़ार में बैठे,
किसी इंसान की
आँखों जैसा होता है।
और
प्रसन्नता का,
हूबहू मेल खाता है
उन सभी रंगों से,
जिनकी स्याही बना कर
लिखी गई प्रेम-कविताएँ।-
आसमां का सबसे खूबसूरत रंग
दिखता है तब तब,
जब जब एक दूजे से
मिलते हैं चाँद और सूरज
खिलखिलाते, मुस्कुराते हैं चेहरे
रंग बिरंगा रहता है जीवन,
जब मिलते हैं
अपनों से अपनों के दिल
रंग कई हैं इस जहाँ में
मगर, सभी रंगों में
सदैव सबसे खूबसूरत
दिखता है “मिलन” का रंग ।-
बहुत देर कर दी, मिरे ख़्वाब में आते आते
सुब्ह कर दिया यार, महताब ने आते आते— % &-
नये साल में कुछ नया ख़्वाब देखना
सहेज के सभी तुम हसीं याद रखना
सितारे सभी खुद-ब-खुद ही मिलेंगे
फलक पे सजा के ये महताब रखना
कि चेहरे सभी मुस्कुराते रहें अब
सदा काम तुम ऐसे नायाब करना-
ये कैसी उदासी फ़लक में बसर है
सितारों, कहो चाँद मेरा किधर है
न जाने बेचैनी ये, क्यों हो रही है
मेरी जाँ यकीनन बड़ी बे-ख़बर है
कभी तो मिरे पास भी चाँद आये
बताये भला, दूर क्यूँ इस कदर है
जिधर से ये संगीत सा आ रहा है
पुकारा हमीं ने, तुम्हें जाँ उधर है
ये किस्सा वफ़ा का रहेगा हमेशा
कहानी हमारी, कहाँ मुख़्तसर है-
हैं राज्य अलग अलग
अलग सब लोग हैं
जाति अलग है
वर्ण अलग अलग
हैं खान-पान अलग
अलग सबके परिधान है
एक क्या है एक देश में
क्या इसकी शान है,
है सवाल कठिन बहुत
पर जवाब सरल है
है तिरंगा शान अपनी
बस एक वही पहचान है।-
दीवारें बताती हैं कि
एक घर को
घर होने के लिए,
दीवारों के ऊपर
छत का होना जरूरी है
बताती है शहर की
गतिमान ज़िंदगी,
भरम है ये चमक,
सुकून के लिए
गाँव का होना जरूरी है।
( पूरी रचना अनुशीर्षक में )
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