यूं तो एक चिंगारी मंगल पांडे ने सुलगाई थी
ये अलग बात है उन्हें सफलता नहीं पाई थी
पर हां अन्याय के खिलाफ आवाज़ तो उठाई थी
झांसी की रानी भी रणक्षेत्र में उतर आई थी
ये अलग बात दामोदर को इंसाफ नहीं दिला पाई थी
जाने कितने शहीदों ने जान अपनी गवांई थी
ये अलग बात हमें 1857 में आज़ादी नहीं मिल पाई थी
पर हां एक शमा तो उम्मीद की उन्होंने जलाई थी
ये अलग बात की कुछ गद्दारों ने ही छुरी चलाई थी
पर आज हम आज़ाद है ये उस शमा से ही रोशनी आई थी-
भारत के सर्वप्रथम क्रांतिकारी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ 💐
फिरंगी हुकूमत को डरवा दिए थे
बड़ा काम मंगल वो पांडे किए थे
गुलामी में जीना गँवारा नहीं था
बहुत शान से वो यहाँ पे जिए थे-
💕💕💕
जय भोजपुरी..
बागी बलिया के वीर सपूत भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडेय की जयंती पर सबको सुभकामनाये...-
मंगल मस्ती में चूर चला
पहला बागी देखो मशहूर चला
गोरों की फौज को धूल चटाने
देखो बलिया का शूरवीर चला।
आज़ाद का चोला ओढ़ चला
मूछों को ऐंठ ताव से भरपूर चला
खूब लड़ा देश की आज़ादी के लिए
प्रथम आज़ादी का रंग पोत चला
देखो बागी बलिया शूरवीर चला।-
स्वतंत्रता के रण में अपने प्राणों को वारा था ,
मेजर ह्यूसन को जिसने मौत के घाट उतारा था ,
भारत जिसको प्राणों से भी ज्यादा प्यारा था ,
देश की मंगल कामना वाले 'मंगल' थे वह ,
देकर अपने प्राणों को धरा का कर्ज उतारा था।-
जो लड़े देश के लिए, उन्हें कोई याद नहीं करता।
कसम ख़ुदा की, आज इसलिए हर कोई सिर्फ़ फ़रियाद करता।
ख़ून खोल जाना कभी फ़ितरत थी इस देश के दीवानों की।
आज कोई सच्ची और हक़ की बात नहीं करता।
ऐसा लगता है माँ की कोखों से आज बुज़दिल ही पैदा होते हैं।
जो सिर्फ़ सरकारी चोर बनते हैं या सरकारों के चमचे।
आज भगत सिंह और मंगल पांडे की आत्मा,
देख ले; देश की हालत।
तो शर्म से मर जाए,
और सोचे इन जाहिलों के लिए झेली हमने ज़िल्लत।
पर वो मतलबी नहीं,
वो देश के लिए वफ़ादार थे।
अब की पीढ़ी है मतलबी,
ज़ाहिल जनता देश के लिए गद्दार है।-
हम उन जज्बातों की कद्र किया करते हैं
जिनमें गांधी नहीं भगत सिंह हुआ करते हैं-