जब भी आते हो खुश हो जाती हूँ
जब भी जाते हो मायूस हो जाती हूँ
तुम हमेशा मेरे पास ही रहा करो
जब भी अकेले में होती रो जाती हूँ।-
प्रकृति🌱
साहित्य📚
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Author ✍️
✍️काव्य संग्रह📚
1. ब... read more
जब भी आते हो खुश हो जाती हूँ
जब भी जाते हो मायूस हो जाती हूँ
तुम हमेशा मेरे पास ही रहा करो
जब भी अकेले में होती रो जाती हूँ।-
टूटा फूल उठाकर लाया हूँ
महकता गुलाब छोड़ आया हूँ
जो ज़िंदा है उसे जीने दीया
मैं उसकी खुशबू साथ लाया हूँ।-
फूलों के रंग
हैं सबके संग
हरी-हरी दूब घास
जीवन का नया अहसास
प्रकृति के सब अभिन्न अंग
ये सब दूर करते मन की जंग।-
जो मिला है काम उससे क्यों घबराना
खून-पसीने की कमाई पर हक है हमारा
मेहनत कर यही अलख हमको है जगाना।-
उठ जाओ
इन आँखों को खोलो
सूरज सर पर आ गया
अब आलस छोडो
देखो कितनी प्यारी
धूप निकल रही
कितनी प्यारी
ठंडी गर्म हवा चल रही
पंछी चले अपनी सैर पर
तुम अब तक सो रहे हो
उठ जाओ..... 😄
सुप्रभातम जी-
कागज और लेखक का रिश्ता निराला है
दोनों एक-दूसरे के बिन निहत्थे, निर्जीव
दुख भी जाने है मेरे मन के
खुशियां भी समायी हैं
जब-जब पड़ी कमजोर
तब-तब साथ निभाई है
कैसे करूं शुक्रिया इसका
यही तो मेरी जिंदगी की कमाई है।
- माही अरोड़ा (हयातनामा📗 )-
कोई-कोई तो इतना परेशान है गर्मी में,,,घर में धर्मपत्नी और बाहर सूर्य देवता दोनों ही बरस रहे हैं।
🌞🔥😆-