Adv Kush Pandey   (Kush Pandey ( सारंग ))
9.1k Followers · 3 Following

🇮🇳
Read and Forget
IG - @harfedil_
Joined 6 March 2018


🇮🇳
Read and Forget
IG - @harfedil_
Joined 6 March 2018
31 MAR AT 10:43

बढ़ाया जब भी किसी ने तो ग़म बढ़ाया है
किसी ने कब कोई दस्त-ए-करम बढ़ाया है

चराग़ बन के लड़ा हूँ मैं जब अंधेरों से
क़दम क़दम पे हवाओं ने दम बढ़ाया है

मोहम्मद अली साहिल

-


20 SEP 2023 AT 9:53

भटकते फिर रहें हैं मन के साधू राह दिखला दें
है इतना प्रेम मुझमें की तिरा ये क्रोध पिघला दें

अगर लौटा दुबारा उस खुदा की बारगाह में मैं
कहूँगा छोड़ दें सब कुछ मुझे अय्यारी सिखला दें

अगर अच्छाईयों से आपका मतलब न निकला हो
करें अहसान मेरी कुछ बुराईयाँ भी बतला दें

न रक्खो कोई रिश्ता दोस्ती यारी भी मत रक्खो
जुबां ऐसी न बोलो की मेरे दिल को ये दहला दें

न उतरे बोझ जिम्मेदारियों का ठीक है लेकिन
कमसकम दिल से थोड़ा तो दुखों का बोझ हलका दें

-


8 SEP 2023 AT 18:54

मो मन मेरी बुद्धि लै, करि हर कौं अनुकूल।
लै त्रिलोक की साहिबी, दै धतूर कौ फूल॥

भावार्थ- हे मेरे मन, मेरी बुद्धि को लेकर भगवान् शंकर के अनुकूल बना दे, अर्थात् मुझे भगवान् शंकर का भक्त बना दे, क्योंकि उन पर भक्त केवल धतूरे के पुष्प चढाकर ही तीनों लोकों का आधिपत्य प्राप्त कर लेता है। भाव यह कि भगवान् शंकर आशुतोष हैं, वे तत्काल प्रसन्न हो जाते हैं। अत: उन्हीं की भक्ति करनी चाहिए।

रचनाकार - मतिराम

-


6 SEP 2023 AT 19:37

मिरी चुप्पी के सौ मतलब निकलते हैं
मगर ये दुख जुबां से कब निकलते हैं

जमाना इस कदर गंदा चला आया
सगे रिश्तों में दुश्मन अब निकलते हैं

-


8 AUG 2023 AT 23:06

कहीं गिरगिट कहीं बिच्छू कहीं पे सांप बैठे हैं
इन्हीं के दरमियां बेखौफ़ हम औ' आप बैठे हैं

-


27 JUN 2023 AT 20:15

नयन अश्रुपूरित रहेंगे कहाँ तक
बुरा इस जहाँ को कहेंगे कहाँ तक

महादेव विष पान होता नही अब
बताओ दुखों को सहेंगे कहाँ तक

-


11 JUN 2023 AT 16:16

मैं न मिल पाऊँ तो क्षमा करना
और भी लड़कियाँ क़तार में हैं

वैसे आँसू हैं मेरी पलकों पर
जैसे मोती तुम्हारे हार में हैं
Tanveer Ghazi

-


3 JUN 2023 AT 11:31

सफर मंजिल कभी रस्ता बताता है
समय हमको न जाने क्या बताता है

नही कीमत यहाँ जिसकी कोई मखसूस
हमें वो आदमी सस्ता बताता है

-


23 MAY 2023 AT 19:27

बस एक सांस में सारा समेट सकते हैं
हम ऐसे प्यासे हैं दरिया समेट सकते हैं
Dr. Syed Asim Makanpuri

-


2 MAY 2023 AT 19:36

ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं
मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बे-ख़बर नहीं
~ आलोक श्रीवास्तव

-


Fetching Adv Kush Pandey Quotes