अगर किसी के लिए खुशी नही दे सकते हो
तो किसी की आँख में आँसू की बजह मत बनना,
जख्म किसी के नही भर सकते हो तो
दर्द किसी को मत देना.. .!!
🙏🙏-
Jis mohabbat ka koi naam na ho
Jis mohabbat se koi pehchan na ho
Phir kaise nibhaye iss rishton ko
Jismein kisi ki bhalai na ho-
नहीं सुनते तो ग़म न कर, भला कहने से मतलब रख,
भलाई कर, भला होजा, भले रहने से मतलब रख।-
अगर सभी ख़ुद से पहले,
दूसरों की भलाई सोचे ,
तो ईश्वर को भी जन्नत का
पता बदलना पड़ेगा ।।-
बड़प्पन दिखाने का दौर चल रहा था 'अभि'
हमने भी कुछ नेकियाँ दरिया में डाल दी-
ना बुरा किसीका करो ना बुरा कभी देखो !!
आज तुम किसी के लिए बोलोगे
तो कल दूसरे तुम्हारी तरफ से लड़ेंगे !!!-
इज्ज़त लुटी हुई सिसकियाँ देखी हैं क्या
उनको लूटती वो उंगलियाँ देखी हैं क्या
उठाकर कौन ले गया सबको पता है मगर
ज़ुल्म को ढूँढती वो निश़ानियाँ देखी हैं क्या
किसी जान की क्या कीमत है कभी सोचा
दर्द से तड़पती हुई वो बच्चियाँ देखी हैं क्या
ग़रीब है इसको दबा लो डर जायेगा बेचारा
लाचारी से हुई वो परेश़ानियाँ देखी हैं क्या
तू तो बेदर्द है ही कोई असर कहाँ होगा तुझे
भूख से उजड़ती ज़िन्दगानियाँ देखी हैं क्या
दूसरों की मदद् किया करो भलाई इसी में है
मदद् माँगती हुई ख़ुदगर्ज़ियाँ देखी हैं क्या
छोटा समझकर जिसको छोड़ दिया "आरिफ़"
उसकी वो बड़ी-बड़ी नादानियाँ देखी हैं क्या
"कोरे काग़ज़" पर कभी एक जुर्म ना लिखा
उससे हुई सबकी वो ख़ामोशियाँ देखी हैं क्या-
बड़े ख्वाब देखना " गलत नही हैं' मगर शर्त ये है उसमें देश की तरक्की और लोगों की भलाई शामिल हो"! "☺
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बेटे के जन्म पर
माँ बाप से ज्यादा अफ़सोस तुमने मनाया है
बेटे के जन्म पर ढोल
बेटी के जन्म पर थाली भी न बजाया है
माँ तुम भी तो एक बेटी ही
क्या तुम्हें क्षण भर भी
मेरे बेटी होने पर अफ़सोस आया है
मैंने जमीं पर पैर भी न रखे थे
मेरी शादी की चिंता तुम्हारे सर तन आया था
पैर अभी भी छोटे ही थे
मेरे कंधों का बोझ तुमने ही तो बढ़ाया था
माँ उम्र अभी भी कच्ची थी
अभी तो मैं छोटी बच्ची थी
माँ शादी क्यो तुमने मेरी करवाया है
जिसको है खुद की पहचान नही
तुमने अपरिचित के गले से सजाया है
देखो न माँ भाई बहन के साथ जी भर खेल सकी न
माँ मेरे गोद मे भी अब एक लाल आया है
आज जब उम्र हुई है शादी की
एक बेटी ने मुझे माँ कह कर बुलाया है।-