मर्यादा में रहने की जरूरत सिर्फ नारी को नहीं, मर्द को भी है।
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महावीर जब नाम सुनावे !!
🙏🌷जय श्री राम 🌷🙏
औरत के लिए उसके चार रिश्ते ही असली सुरक्षा-कवच होते हैं — बाप, भाई, पति और बेटा।
इनके सिवा किसी और मर्द पर ज्यादा एतबार करना कभी-कभी उसे मुश्किल में डाल सकता है।-
जो लोग आपको जानते हैं,
उन्हें कुछ कहने की आवश्यकता नहीं।
और जो नहीं जानते,
उन्हें कुछ कहने की आवश्यकता नहीं।-
हर वो आँसू जो आपकी वजह से किसी की आँख से निकला,
एक ऐसी बद्दुआ है जो बिना आवाज़ के भी गहरा असर कर जाती है।-
जब समाज को एक परिवार कहा जाता है, तब
वहां समानता, अपनापन, सहयोग और एकता की भावना होना चाहिए।
समाज के सभी लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ दें, एक-दूसरे की मदद करें और बिना भेदभाव के सबके साथ बराबरी का व्यवहार करें।
तभी समाज सच में एक परिवार की तरह बन पाता है।-
ज्ञान, चतुराई सब माया —संतोष, प्रेम ही सच्चा सार।
हरि को पाना हो अगर, तो बन जा निरअहंकार।-
एक ज़माना था,
जब नारी झुका लेती थी नज़रें,
बड़ों के सम्मान में,
संस्कारों की राह पर,
सादगी से चलता था उसका हर कदम।
आज वही नारी,
नए ज़माने की रफ़्तार में,
मॉडर्न दिखने की होड़ में,
कभी-कभी छोड़ रही है
संस्कारों की छाँव,
वो मधुरता, वो मर्यादा।
पर प्रश्न ये नहीं कि
वो आगे क्यों बढ़ रही है,
या अपने सपनों को क्यों छू रही है।
प्रश्न सिर्फ़ इतना है —
कि उसकी उड़ान में
संस्कारों की डोर न छूटे कहीं,
आधुनिकता और संस्कृति
साथ-साथ चलें वही असली जीत है नारी की।-
फैशन के इस दौर में इतने ही आधुनिक बने कि
अपने बड़ों के सामने नज़रें शर्म से नहीं,
सम्मान में झुकें।-
गुरु ज्ञान की धारा हैं, जीवन को दिशा दिखाएँ,
उनके चरणों में रहकर, सब संकट दूर हो जाएं।-
गुरु हैं सच्चा साथी, हर मुश्किल आसान बनाएँ,
उनकी कृपा से जीवन में, नित नये सुख आएं।-