मोहब्बत के मारे हैं हम, अब बस चाँद सहारे है हम 🌙...
इस दुनिया से तो जीते हैं, एक बंदे से हारे हैं हम💔
पहले बस दिल ही था, अब तो टूटे सारे है हम.....😔
इश्क नहीं खुद को भी खुद से, ये कैसे बेचारे है हम...😔
हमको जख्मो से गिला नहीं है,जख्मों ने तो निखारे है हम😊
टूट तै हुए भी चमकते है खूब,आसमन के वो सितारे है हम. ✨✨✨ 🌙⭐✨⭐⭐🌙-
तुम्हारे साथ जब भी, जितना भी समय रहता है.. उस पूरे समय में मैं, मैं नहीं तुम हो जाता हूं!बस वही मेरा प्रेम है...!
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कहने को तो चाय सिर्फ एक पेय है दूध,चीनी,
चायपत्ती का मिश्रण है पर ना जाने क्यों मैंने जब भी इसके बारे में सोचा तो पाया कि ये एक कप चाय में कितना आनंद, कितना प्रेम और अपनापन है। आप खुद ही कभी गौर कीजियेगा तो पता चलेगा कि ये एक कप चाय कभी भी अपने अंदर समाहित किसी वी वस्तु की खासियत को कम नहीं होने देती जबकि अन्य पेय पदार्थों में अक्सर एक स्वाद दूसरे स्वाद पे हावी ही दिखता आ रहा है,चाय ने हमेशा ही अपने साथ रहने वालों को बराबर का सम्मान दिया फिर उसमें चाहे अदरक हो,तुलसी हो,चीनी हो या दूध हो। एक ही पेय में होने के बाद भी ये सब अपनी रंगत नहीं खोते...चाय ने हमेशा ही कोशिश की है कि सिर्फ मेरी ही वाह-वाही ना हो अपितु मेरे साथ रहने वाले भी मेरी ही तरह सम्मान पाएँ...एक चाय के कप में अगर इतना समर्पण हैं तो हम मनुष्य होके थोड़ा तो अपने काम में समर्पित हो ही सकते हैं..और जीतने का या सर्वश्रेष्ठ कहलाने का सबसे खूबसूरत तरीका यही तो है कि सिर्फ मैं ही जीतूं इसमे कोई मज़ा नहीं,मज़ा है सबके साथ जीतने में सबके साथ सफल होने में....और मैं आज कल के फिलोसोफिकल एरा में एक चायवादी हूँ.........अमूमन एक चायवादी की यही तो पहचान है-
प्रेम छक के होना चहिए। बाकी दुनिया का क्या है, चलती थी, चलती रहेगी 🤗
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*नया साल आया है कुछ नई उम्मीदें हैं*
नया साल आया है कुछ नई उम्मीदें हैं । 2019 का अंतिम दिन बीतने के साथ कुछ उम्मीदों पर पानी फिर जायेगा कुछ सपने टूटे कुछ नए बने हैं रिश्तों का भी कुछ ऐसा ही हाल है इसे बयां क्या करूँ खुद से महसूस कीजिये तो बेहतर होगा शायद तार-तार होने जा रहे पुराने रिश्तों में कुछ धागे जोड़कर नयी जान फूंक सकें। माना कि ज़िन्दगी कुछ ज्यादा ही तेज चल रही है लेकिन इस हिप्पोप और रॉक म्यूजिक वाली ज़िन्दगी में स्लो मोशन का अपना अलग ही मजा है एक बार ट्राय करके तो देखिये चीजें ज्यादा बेहतर तरीके से समझ आएँगी।😊😊😊😊-
"देख लूंगा तुझे"
ये वो अचूक भारतीय डायलाग है
जो भरपूर मार खाने के बाद भी
आपके आत्मसम्मान को जिंदा रखने
में मदद करता है 🙊😂😂🤣-
मुझे लगता है एक स्त्री को कुछ नहीं चाहिए अगर उसे कुछ चाहिए तो किसी का उम्र भर का साथ,थोड़ा सा प्रेम और जब उसे वह साथ और वह प्रेम मिलता है तब वह दुनिया की बड़ी से बड़ी मुसीबत भी झेल सकती है।
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बात बड़ी सीधी सी है
जब कोई आपको अपनी खुशियों में शामिल नही करना चाहता तो उस इंसान की ज़िंदगी मे
दखलअंदाजी नही करनी चाहिए..
इससे कुछ हो या न हो आत्मसम्मान ज़रूर बचा रहेगा..!!-