QUOTES ON #बेरहम

#बेरहम quotes

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25 APR 2020 AT 8:21

बदलती बेरहम बयार है,
बंदा बहकता बेहिसाब है!
बचा-खुचा बचपना भी बिता,
बदहवास बंदगी बेपनाह है!
बगिया में बादशाहत बलात है,
बगुले बुलबुले बदनाम है!
बिछाई बिसात बुज़दिलों ने,
बेख़बर बेचारा बागवान है!
बुलंद बाहुबली की बेहयाई,
बेहूदा का बराबर बाजार है!
बचो बेढब बहुरूपियों से,
बाधा है, बहकावा है, बिगाड़ है!
बेसबब, बेपनाह बेअखियार,
बेवजह बहाने की बुनियाद है! __राज सोनी

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20 NOV 2019 AT 16:42

भटकती फिरती है वो इन दिनो बावली सी..कसूर बस इतना था उसका ...

इश्क मे जिसके वो लोबान सी सुलगती रही ...शौकीन वो मोगरे का निकला...

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24 FEB 2023 AT 21:21



ऐ, मेरी रूह, तू जिंदा है, या मर गई ,
मुझे कुछ, महसूस क्यो नही होता.

तू मेरे, ज़िस्म में है, ख़बर नही ,
क्या? ये ज़िस्म मेरा है, पता नही.

अपने ही कंधों पर, खुद की लाश उठाये फिरती हुँ,
दफन करने के लिए ,आती नजर, कोई कब्र नही.

कितनी बेरहम हुँ मैं ,
खुद की ही, रूह को नोच खाया है .

कोई छूता मुझे ,
मैंने, खुद ही अपने ज़िस्म को,
अपने, हाथों से जलाया है.

कितना डरावना, (भयावह) है ये मंज़र,
जैसे, आकाल पड़ी ,धरती हो बंजर ,
हुआ, सब कुछ स्वाहा बस,हाहाकार हुआ.
हुआ सब कुछ स्वाहा,बस,हाहाकार हुआ .
-डॉ मंजू जुनेजा







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1 OCT 2020 AT 7:05

इस बरसते मोसाम मे भी
तुझे हमपे रहम ना आया
करते रहे इन्तजार हम तेरा ,
और तू बेरहम ना आया।

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16 NOV 2017 AT 1:39

तू इतनी भी बे-रहम ना बन, ऐ ज़िन्दगी!
मुझे भी है इतना तो इल्म

'जो भी चाहूँगा, कभी नहीं पाऊँगा'

- साकेत गर्ग

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29 JUL 2020 AT 1:15

दर्दे-ए-दिल का ग़म
ना मिल पाने का ग़म
तुम क्या जानो करोना बाबू
तुम तो हो बेरहम।

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20 OCT 2021 AT 20:14

बड़ी बेरहम हैं
उनकी आंखें

कत्ल हजारों
सरेआम करती हैं

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8 OCT 2021 AT 8:01

ओ मेरी चाय तुम बरहम तो हो नही सकती,
क्योंकि तुम बेरहम नही है ,
तुझमे तो मिठास है ,
जो जीवन मे जीने की आश है ,

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1 NOV 2021 AT 12:33

बेरहम पत्थरों से था रिश्ता हमारा,
खुद ना टूटते, तो तोड़ दिए जाते!!!

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30 AUG 2020 AT 23:42

~"बेरहम कब्ज़"~





तड़भड़ाते गर्मियों में उबलते अश्क ले,
दहकते "हृदय" को भर भर के कब्ज़ दे,
सहमते बिखरते टूटते लफ्ज़ से वो सने
ज़ख्म सूखते ही नहीं बेरहम मरहम से।

बड़बड़ाते नरमियों से उलझते "लफ्ज़" दे,
विचरते मन को अब कस के "जकड़" के,
बिखरते "चमन" में परे मुखौटे ही पहन वे,
सोच शागिर्द जो बन अब लगते वहम से।

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