बिखरना लाज़मी था मेरा,,,
आईनें सी किस्मत जो पायी थी!-
👉मेरी एक अलग दुनिया है जिसमें कुछ टूटे ख्वाब हैं , कुछ अधूरी... read more
मेरे साथ मेरा वजूद भी कुछ ऐसे ढल रहा है,
जैसे कोई टूटा हुआ आईना अपना अक्स बदल रहा है!
आज फिर कोई याद मुझसे टकराई तो ऐसा लगा,
बिछड़ा हुआ कोई शख्स जैसे मेरे साथ चल रहा है!
बारिश की चंद बूंदें गिरी तो महसूस हुआ,
आसमां यूं रो रहा जैसे कोई जनाजा निकल रहा है!-
मैं अपनी तमाम नाकामियों पर शर्मिन्दा हूं,,,
नहीं मालूम क्यूं हूं... मगर मैं आज भी जिंदा हूं!-
मुट्ठी में बंद रेत की तरह होते हैं कुछ लोग,
ज्यादा संभालने पर इन हाथों से फिसल जाते हैं!-
जरा सी बारिशों की
दस्तक क्या हुयी...
इन आंखों में ठहरा शख्स,
इन आंखों से बरस पड़ा!!-
बहुत संभाल के रखें हैं तेरे हिस्से के आंसू हमनें,,,
कभी मिलोगे तो तुमसे लिपट कर बेतहाशा रो लेंगे!-
मैं हार गया अपने मुकद्दर से वर्ना...
मेरे तमाम ख्वाब तो आज भी
मेरी पलकों की दहलीज़ पर बैठे हैं!-
जवानी के सारे शौक़ तक खा जाती है,,,
जाने कितने अरसे से भूखी है ये मुहब्बत!-