आज फिर आईनें में खड़ा शख्स मुझसे लिपट कर बोला,
ऐ दोस्त मुझसे अब तेरी यूं उदासी नहीं देखी जाती!!-
👉मेरी एक अलग दुनिया है जिसमें कुछ टूटे ख्वाब हैं , कुछ अधूरी... read more
ये गीता हमारी है, ये क़ुरान हमारा है,
ये सारी ज़मीं, में सारा आसमान हमारा है,
रंगों पे लड़ने वालों अब ये जंग छोड़ो,
तिरंगे में लिपटा ये हिन्दुस्तान हमारा है!-
पगडंडियां सारी उदास सी बैठी रहती हैं,,,
गांव की सड़कें जबसे शहर को जाने लगी हैं!-
ये उदास शाम और यादों की बारिश,,,
बाद मुद्दत मिल रही हो जैसे दो बिछड़ी हुई ख्वाहिश!-
अब तो अश्क भी नहीं आते दिलासे देने,
शायद ये आंखें मेरी पत्थर की हो गईं हैं!-
झूठ कहते हैं लोग कि किस्मत मुट्ठी में कैद होती है,,,
सच तो ये है कि लकीरों का तक़दीरों से कोई वास्ता ही नहीं है!-
ख्वाब उलझे-उलझे से हैं, रात ज़रा सी उदास है!
जागी-जागी नींद को ना जाने किसकी तलाश है!!
अरसे से अश्क खामोश बैठे हैं पलकों के सिरहाने!
फिर भी इन आंखों में ठहरी जैसे कोई प्यास है!!
आज फिर कोई याद का झोंका मुझसे टकराया!
आज फिर मुझे वहम हुआ कि कोई आस-पास है!!-
आईना ही रहने
दो मुझे,,,
किसी अक्स के रंग मे
मत ढालो,
टूटकर बिखरना
पसंद है, लेकिन,,,
बदलना मेरी
फितरत मे नही...
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ज़मीं में बिखरने से पहले
खुद को संभालने की कोशिश
करतीं बारिश की कुछ बूंदें...-