लाख ठोकरे खाकर सीख फिर भी ठोकर खा जाएगा,गलतियो का पुतला बनाया है खुदा नही, समझ आ जाएगा। -
लाख ठोकरे खाकर सीख फिर भी ठोकर खा जाएगा,गलतियो का पुतला बनाया है खुदा नही, समझ आ जाएगा।
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चला गया छोडकर बीच मझधार मेंउसे ,,,,,,,,,,,,,,भूलाना ही बेहतर हे। -
चला गया छोडकर बीच मझधार मेंउसे ,,,,,,,,,,,,,,भूलाना ही बेहतर हे।
पूछा किसी ने उडते परिदे से वो गिरते क्यू नही,कहा परिंदेने ने वो ऊचाईयों से डरा नही करते,गिर गिरकर सीखा हो ऊङना जिनहोने वो गिरा नही करते। -
पूछा किसी ने उडते परिदे से वो गिरते क्यू नही,कहा परिंदेने ने वो ऊचाईयों से डरा नही करते,गिर गिरकर सीखा हो ऊङना जिनहोने वो गिरा नही करते।
कोने कहता हे नशा पानी के अन्दर नही होता;वो लफंगो कि तरह घूमते बादल नहीं होते ,वो पागलो सा झूमता समुद्र ना होता। -
कोने कहता हे नशा पानी के अन्दर नही होता;वो लफंगो कि तरह घूमते बादल नहीं होते ,वो पागलो सा झूमता समुद्र ना होता।
ज़मी के जर्रा सा हो या तारे सा आसमा का खास,मरेगा हर कोई जो चुप हे आज जुल्म के खिलाफ। -
ज़मी के जर्रा सा हो या तारे सा आसमा का खास,मरेगा हर कोई जो चुप हे आज जुल्म के खिलाफ।
स्पंज हूं सोखलूँगा हरबार मगर , इक वक़्त के बाद मुश्किल हे सोख लेना। -
स्पंज हूं सोखलूँगा हरबार मगर , इक वक़्त के बाद मुश्किल हे सोख लेना।
वो गिली लकड़ी सा सुलग रहा हूं मैं,धीरे धीरे बर्फ कि तरह पिघल रहा हूं मै,फंसा हुआ हूं जिंदगी कि उलझनों में,लोग समझते हैं बदल रहा हूं मैं, -
वो गिली लकड़ी सा सुलग रहा हूं मैं,धीरे धीरे बर्फ कि तरह पिघल रहा हूं मै,फंसा हुआ हूं जिंदगी कि उलझनों में,लोग समझते हैं बदल रहा हूं मैं,
संग हो अगर आशिर्वाद गुरु काडरते नही वो आग, तुफानो से,क्या हुआ जों ऊंचा हे बहुत छू लेते हे मुकाम आसमानों के। -
संग हो अगर आशिर्वाद गुरु काडरते नही वो आग, तुफानो से,क्या हुआ जों ऊंचा हे बहुत छू लेते हे मुकाम आसमानों के।
मेरे नैनो को जब से तेरा चेहरा खास हो गया,ग़ैर होकर भी अपनों से ज्यादा पास हो गया,कमबख्त मेरा दिल,मेरे ही खिलाफ हो गया। -
मेरे नैनो को जब से तेरा चेहरा खास हो गया,ग़ैर होकर भी अपनों से ज्यादा पास हो गया,कमबख्त मेरा दिल,मेरे ही खिलाफ हो गया।
किस कदर चाहता हू तुझे बता नही पातासागर भी बन जाता श्याही तो कम पड जाता -
किस कदर चाहता हू तुझे बता नही पातासागर भी बन जाता श्याही तो कम पड जाता