बेदर्दी
-
बेदर्दी का आलम तो देखिए जनाब,
हम उनके अपनों में तो है,
पर उनके अपने नहीं....-
अब मुझसे मेरी सारी, खुशी छीन गया वो ।
कि दर्द में चीखती रही मैं, बेदर्दी से मार गया वो ।।-
तू देख सकता काश रात के पहरे में मुझको,
कितनी बेदर्दी से तेरी याद मेरी नींद चुरा लेती है।।-
होता है जब किसी मजबूर पर अत्याचार ,कुचले जाते हैं बेदर्दी से उसके सपनेl
गौर फरमाना करने वाले यह व्यवहार ,ज्यादातर होते हैं कुछ खास उसके अपनेll-
मेरे दर्द में किसी और की
मोहब्बत की खुशबू छुपाइ थी
मुझे मजबूरियों का नाम देकर
पूछने पर बताती थी।।
बड़ी ही बेदर्दी से कह जाती थी
एक मैं ही तो हूँ इस
दुनिया में हमदर्द तेरा।
बड़ी बेशर्मी कातिलाना मुस्कुराहट
से जताती थी।।-
कितना मुश्किल हो गया है अब वक्त काटना,
और वक्त है कि बेदर्दी से मुझे काटे जा रहा है..-
"बेदर्दी"तूने इश्क़ में दिल ,शीशे की तरह दिल तोड़ दिया
वक़्त बनकर तूने ,मेरा दर्दों से नाता जोड़ दिया-
ज़हर-आगीं सी लगती है नज़र-ए-तग़ाफ़ुल-ए-यार,
दिल-ए-बेदर्दी है सनम, फिर भी है इंतज़ार-ए-यार।-