न जाने कितने ऐब हैं मुझमें मेरे मालिक!हूँ नादाँ
बस तू ही माफ़ कर सकता इन्हें ऐ!मेरे ख़ुदा।
ग़र दर्द दूसरों की ज़रा भी बाँट सकें मालिक,
तो सुकून आए के हुई है क़ुबुल ये मेरी दुआ।
एक ख़ारे समंदर सी है उफनती हुई ज़िंदगी,
अब तो कुछ बचा नहीं है तेरी रहमत के सिवा।
क्या ही दुआ माँगूँ मैं अपनों के लिए तुझसे बता,
हर पल करूँ इबादत तेरी हो हक़ अदा मेरे ख़ुदा।
दुआओं की भीड़ में क़ुबुल हो मेरी एक दुआ कृष्णा"
इतनी रहे रहमत तेरी,ना कोई हो मेरी बे'असर दुआ।
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हां! मै कोई बड़ी लेखिका तो नहीं, पर क... read more
है चाँदनी रात कुछ पल और ठहर जाओ,
इस प्यार की बेला में ज़रा और क़रीब आओ।-
तेरी मीठी मुस्कान के हुए हैं हम क़ायल,
तेरी इन तीर।ए नज़र से हुए हैं हम घायल।-
तुम्हारी एक पल की भी दूरी न सह सकेंगे हम सनम,
इतने क़रीब आओ दो ज़िस्म एक जान हो जाएं हम।-
रब से फ़रियाद है नाथ! इतनी कृपा करना,
किसी भी इंसान को कभी इतना दुःख न देना।
जहाँ में कोई न तड़पे हर पल अपनों के बिना प्रभु!
बड़ा ही मुश्किल होता कृष्णा" अपनों से बिछड़ना।-
जी मेरी क़लम को सम्मानित करके
मुझे 2074 का winner बनाकर मेरे
उत्साह वर्धन के लिए तहे दिल से धन्यवाद
आपका आदरणीय प्रिय मंच 🙏🙏-
ज़िंदगी जीने के लिए तो चाहिए तुम्हारा साथ,
राह चलने के लिए एक दूजे का रहे हाथों में हाथ।
ओ मेरे हमराही सदा ही मेरे साथ साथ रहना,
कृष्णा"रहो तुम साथ तो कट जाए काली अँधेरी रात।-
सहते रहे ज़माने के दिए दर्द को
अपनी मर्यादा के लिए उफ़!न किया
रह गई ज़िंदगी एक कहानी बनकर कृष्णा"
हर पल दूसरों के लिए ही ज़िंदगी जिया-
लगन से मेहनत करो,
नसीब जो साथ देगी।
फल की चिंता मत करो,
सफलता जरूर मिलेगी।-
चाँद शब्द महबूब के नाम कर दिया हमने
दिल को मोहब्बत का गुलाम का दिया हमने
हर उसके दिए दर्द को तोहफ़ा समझ लिया
कृष्णा"ज़िंदगी की सुबह-शाम तेरे नाम किया हमने-