QUOTES ON #बावजूद

#बावजूद quotes

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12 JAN 2020 AT 21:20

मैं तुम्हें भुला न सकी
तुम दिल में तुम्हीं धड़कन में
तमाम कोशिशों के बावजूद
दिल से तुम्हारी यादों को मिटा न सकी
तुम सवालों में तुम्हीं जवाबों में

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12 JAN 2020 AT 20:22

तमाम कोशिशों के बावजूद खोया
इन्सान ने क्यों अपना वजूद खोया

ढूँढ रहा है अब सुकून के दो पल
जब से इसने अपना मा'बूद खोया

ज़हर घोल कर ही काम चलाता है
जैसे इसकी तोप ने बारूद खोया

झूठी कोशिशें करता रहा "आरिफ़"
लगता है तूने भी मक़सूद खोया

"कोरा काग़ज़" बन गई ये दुनिया
कलम ने यहाँ अपना हुदूद खोया

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13 JAN 2020 AT 12:55

बाद में पता चला वो लड़का हैं😑
Saala Fake I'd 😡

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12 JAN 2020 AT 20:35

ये दिल तुम पे हार बैठे है ।

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12 JAN 2020 AT 20:14

तेरी यादो के बिना जिदंगी अधूरी है

तू मिल जाए तो जिंदगी पूरी है

तेरे साथ जुड़ी है मेरी खुशिया

बाकी सब के साथ हसना तो मेरी मजबूरी है

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12 JAN 2020 AT 21:17

ज़िंदगी की उलझनें सुलझाने
में मिला नहीं ख़ुद का वज़ूद


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12 JAN 2020 AT 20:05

मै जिंदगी के कटघरे में अकेली खड़ी हूँ,।

सब की गलतियां माफ करते- करते
आज खुद ही गलती कर बैठी हूँ ।

सबको एक ही माला में पीरो कर रखने की ख्वाहिश में ,
आज मैं फिर इस जिंदगी की महफिल मे अकेली खड़ी हूँ ।

सबको उजाले की राह दिखाते हुए,
आज मैं खुद अंधेरों में खो गई हूँ ।।

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12 JAN 2020 AT 20:40

भी पाना तुझे मुश्किल ही सही
पाने को मचल जाती हूं

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12 JAN 2020 AT 21:04

तमाम कोशिशों के बावजूद मैं हार नहीं मानूंगी
मैंने तो बस तुमको चाहा है, तुमको ही चाहूंगी
तमाम कोशिशों के बावजूद मैं हार नहीं मानूंगी

ऐ मंज़िल तू कितना दूर जायेगी, जाकर देख ले
चाहती है तू तड़पाना ठीक है, तड़पाकर देख ले
मैं तड़प जाऊंगी हां कभी कभी रो भी दूंगी मगर
तेरा पीछा छोड़ दूं, ऐसी कोई शाम नहीं देखूंगी
तमाम कोशिशों के बावजूद मैं हार नहीं मानूंगी

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12 JAN 2020 AT 21:20





मैं नेकियां करता रहा फिर मुकद्दर को बद़ी क्यों मिली।
इश्क़ में खुद जिस्म जला बैठे मगर मुझे रोशनी न मिली

मैंने कोशिशें लाख की कि श़मां को भी बफ़ा सिखला दे
हुस्न की फितरत में भी मुझे हरदम आत़िशी ही मिली।

दर्द मेरे इस दिल का उनको सुनना भी गंव़ारा न हुआ।
लफ्ज़ हुए खामोश मेरी जुब़ां को बस बेबसी ही मिली।

यह था मेरे वक्त का तक़ाज़ा मैंने द़र द़र की चोट खाई।
भटकता रहा सह़रा में कभी नसीब में महफ़िलें न मिली।

तुम कभी मत तौलना मुहब्बत को दौलत के तराजू में।
आज सब कुछ है मेरे पास मगर वापस जिंदगी न मिली

मैं नेकियां करता रहा फिर मुकद्दर को ये बद़ी क्यों मिली
इश्क़ में खुद जिस्म जला बैठे मगर मुझे रोशनी न मिली

प्रधुम्न प्रकाश शुक्ला

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