रात हमारी बातें तो सुनता होगा
होती थीं जो कभी चाँद तारों-सी
अब तो बादल की चादर में
सब कुछ धुँधला सरीखे दिखता है ।-
savita Jha
(Savita Jha "Savi")
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।। तत् त्वम् असि ।।
मेरे कुछ शब्द-
कुछ दबी हुई ख्वाहिशें
कुछ बुझे हुए ख्वाबों के चिराग़
कुछ जि... read more
मेरे कुछ शब्द-
कुछ दबी हुई ख्वाहिशें
कुछ बुझे हुए ख्वाबों के चिराग़
कुछ जि... read more
Joined 7 October 2019
30 AUG 2024 AT 23:45
10 JUL 2024 AT 16:16
छूकर मेरे मन को कर दिया
तुमने मुझे तबाह।
मोहब्बत में यही तो ख़राबी है,
मिल जाये तो तख़्त
ना मिले तो तबाही है।-
5 JUL 2024 AT 16:19
कभी आतुरता, बेचैनी और छटपटाहट
तो कभी मिट्टी पर बारिश की खुशबू,
सुरीली आवाज़, सुकून के पल।
यही है जीवन का वैभव और बसंत।-
28 JUN 2024 AT 19:51
जब से तुम्हें खोया है,
पहले से कहीं ज्यादा
मैंने तुम्हें पा लिया है।-
15 MAY 2024 AT 19:14
तेरी लिखी कहानियाँ
जब भी पढ़ती हूँ,
न जाने क्यों
ख़ुद को किरदार नहीं,
बल्कि नायिका मान बैठती हूँ।-
2 OCT 2022 AT 21:03
हम सब की जिंदगी में
एक खिड़की है।
जिसके भीतर की कहानी का
हिस्सा हम बनना नहीं चाहते
और बाहर का
हमें जिंदगी बनने नहीं देती।-
14 SEP 2022 AT 17:59
मैं खड़ी बोली जाने वाली,
तत्सम भी और तद्भव भी ।
मैं पूरब से पश्चिम और
उत्तर से दक्षिण तक संभव भी ।
मैं संस्कृति की सहज अभिव्यक्ति,
सरल भावों में सक्षम भी ।-