तुम मेरी बात करो....
हम तुम्हारी बात करते हैं....
आओ न हमारी बात करते हैं....
✍️राधा_राठौर♂-
अच्छी लगती है उसकी बचकानी बातें
अच्छी लगती है उसकी सयानी बातें
एक नई दोस्त मिली है मुझको
जो याद दिलाती है पुरानी बातें।-
देखो !
जब "सलीम"आये तो बात कर ही लिया करो ,
वो किसी ने कहा है न !
किस्मत बार बार दरवाज़ा नहीं खटखटाया करती,,,,,-
कभी तो इक नयी शुरुआत करनी होगी !!
तुमसे भी एक मुलाकात करनी होगी !!
तुम जिस बात पर खफ़ा हो तो गये !
उस बात पे आखिरी बात करनी होगी !!-
यूँ तो ज़िन्दगी कहने को मेरी थी
पर थी तो साथ तुम्हारे ही थी ना,
कहने को साँस मैं लेता था मग़र
मेरी जान हाथ तुम्हारे ही थी ना,
जिसपे बसाया था क़भी सपनों का घरौंदा
वो शज़र वो शाख तुम्हारी ही थी ना,
उस बसेरे के टूट जाने से पहले
होंठों पऱ हर फ़रियाद तुम्हारी ही थी ना,
आँसु बहे जब भी यूँ ही बैठे-बैठे
शाम ढ़ले वो याद तुम्हारी ही थी न,
कल रात जिसने नींद से जगाया था
वो प्यारी सी आवाज़ तुम्हारी ही थी ना,
ख़ुदा के दर पऱ कई सज़दे किये मैंने
पऱ दुआओं में हर बात तुम्हारी ही थी ना..!-
तजुर्बा ना तुम्हारा कम हैं ना हमारा,
बात तो बस बेवक्त आनेवाले वक्त और
जिंदगी के सख़्त बर्ताव की हैं।-
किसी ने बात करना भी चाहा तो उसने मना कर दिया,
बसा के उसने मुझको,दिल में कर्फ्यू लगा दिया..!
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लोगों का काम है कहना भाड़ में झोको उन्हें
और जिंदगी में आगे बढ़ो.......🔥-