फूफा या फीफा
च्वाइस आपकी
(पढ़िए अनुशीर्षक में)-
पिता के जैसे मुझको प्यार दिया।
कुछ गलत किया, तो डांट दिया।।
सही किया, तो लाड़ दिया।
पापा से भी बढ़कर है वो, उनकी
हर बात को मैंने सम्मान दिया।।-
चल रहे है कदम बस कदम
दो दिल एक धड़कन है ।
प्रेम के डोर पर टिका
यही तो अटूट बंधन है
सुख ,दर्द,संघर्ष,संयम से भरा
आपका जीवन है
सलामत सदा आपकी ये सल्तनत रहे
यही हर किसी की मन्नत है
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प्रोफाइल पै ताळा लगाकै
फ्रैंड रिक्वस्ट भेजणियों
थ्हारा फूफा लागूं सूं के?
जो थ्हारा नाम देखकै
एक्सप्ट कर ल्यूं !!-
हरवक्त बेवजह बकवास करते हो।
बातो से तो मेरे बडे खास लगते हो।।
वक्त बेवक्त ढूँढती है नजरे तुम्हे।
जाने तब क्यों तुम, भीड़ मे खोये बस एक मेहमान लगते हो?-
🤣🤣🤣
शादी में नाराज फूफा मैरिज गार्डन के बाहर बैठे हुये थे ।
किसी ने पूछ लिया कि बाहर क्यों बैठे हो फूफा जी ❓
फूफा जी बोले : ---
बाहर बैठकर मेहमानों की गिनती कर रहा हूँ ।
जैसे ही 50 से ऊपर मेहमान हो जायेंगे वैसे ही पुलिस को फोन करूँगा ।
मैं भी मोदीजी का फैन हूँ ,
ना खाऊँगा - ना खाने दूँगा ।
🤣🤣🤣-
एक आदमी अपना घर बना रहा था।
घर नही अपने सपनो को पर लगा रहा था।
अपने हाथों से एक एक ईंट सजा रहा था।
अपने जीवन की पूंजी उसमे लगा रहा था।
पर कुछ से यह सब देखा नही जा रहा था।
मन मसोसकर उससे कुछ कहा जा रहा था।
सलाह से उसका हौसला गिराया जा रहा था।
मन मे शंकाओं का बीज बोया जा रहा था।
खिड़की दरवाजे में नुक्स गिनवाया जा रहा था।
बेमतलब में उसका सर खपाया जा रहा था।
सबकुछ जानकर भी हाँ में हाँ मिलाए जा रहा था।
सच पूछिए तो पीछा अपना उनसे छुड़ा रहा था।
वो मकान में अपने जो दरों दीवार बना रहा था।
बेरोकटोक आंधी बरसात से खुद को बचा रहा था।
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आसमान में घूमे बादल,
जैसे शादी में घूमे फूफा
इधर बरसे ,उधर गरजे
काम धाम और कुछ ना
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महज 50 रिश्तेदारों वाली शादी में भी
माँ-बाउजी खुश थे
क्योंकि 'जीजा और फूफा'
top 10 में जो बैठे थे-