दिल मे सदा रब हो।
कुछ ना हो या सब हो।
यह पता नही होता।
किसकी परीक्षा कब हो।-
मन मे थोड़ा विश्वास रख।
अच्छा ही होगा आस रख।
बेवज़ह बुरा भला सोचकर।
खुद को ना यूँ उदास रख।-
दिल के राज समझ मे ना आए।
कुछ भूलना चाहा वो भूल ना पाए।
अच्छे दिन तो बस बचपन में थे।
हर मौसम जब नए नए खेल लाए।
✍️ सुशील कुमार
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शुभ होली
मिलकर रंग चमकते रहें।
खुशी से चेहरे दमकते रहें।
रंगों का त्योहार है होली।
मन उमंगों से चहकते रहें।
✍️सुशील कुमार-
आजकल किसी का हाल पूछने का नही।
बिना कुछ समझे नसीहत देने का रिवाज है।-
सबको यहाँ बस अपनी कहने की पड़ी है।
किसी की मजबूरियों से क्या लेना बस उनकी बात बड़ी है।
बेसिर पैर की सलाहों पर क्या ध्यान दें।
आदतन राहत नही देती यह बेमौसम की झड़ी है।
✍️सुशील कुमार-
पहले और आज !!
अपनी गलती पर।
माफी मांग लेना।
गलतियां औरों की।
माफ कर देना।
बस इतना काफी था।
जीवन मे जान लेना।
फिजूल बातों पर।
ना कभी कान देना।
बहुत जरूरी था।
बात को मान देना।
बहुत बुरी आदत है।
हर बात में ज्ञान देना।
✍️ सुशील कुमार
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जिस घर मे बड़ों का अदब रहता है।
हौसला जीने का गजब रहता है।
एक दूजे के काम आना ही जिंदगी है।
यकीनन इस यकीन में रब रहता है।
✍️सुशील कुमार
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लोगो को कुछ भी कहने दो।
भारत जैसा था वैसा रहने दो।
मत बाँटो प्रेम की धारा को।
उसे निर्मल अविरल बहने दो।-