चैत्र शुक्ल प्रतिपदाविक्रम संवत आजकरणी मेहर करो मावड़ीसवायो राखो राज।विक्रम संवत 2081 की हार्दिक शुभकामनाएं -
चैत्र शुक्ल प्रतिपदाविक्रम संवत आजकरणी मेहर करो मावड़ीसवायो राखो राज।विक्रम संवत 2081 की हार्दिक शुभकामनाएं
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गर फ़ैसले सही लगेतो ज्यादा इतराना नहीँ है___2और अगर गलत लगेतो सबसे पहले आपने घबराना नहीँ है।🤣😎🤣😎🤣😎🤣 -
गर फ़ैसले सही लगेतो ज्यादा इतराना नहीँ है___2और अगर गलत लगेतो सबसे पहले आपने घबराना नहीँ है।🤣😎🤣😎🤣😎🤣
जो देखा खुद को किसी रोज़मैंने भविष्य के दर्पण मेंकुछ भी स्थायी न मिलासब बह रहे थे समय के परिवर्तन में।(न कंचित् शाश्वतम्")(Nothing is Permanent) -
जो देखा खुद को किसी रोज़मैंने भविष्य के दर्पण मेंकुछ भी स्थायी न मिलासब बह रहे थे समय के परिवर्तन में।(न कंचित् शाश्वतम्")(Nothing is Permanent)
बिखरे रंग हजारकठैई चंग री सरगमकठैई श्याम रो दरबार।जय श्री श्याम -
बिखरे रंग हजारकठैई चंग री सरगमकठैई श्याम रो दरबार।जय श्री श्याम
मुनीम देखें बही खातासेठ करें व्यापारवाह वाह👏👏मुनीम देखें बही खातासेठ करें व्यापारश्रमिक करें दैनिक कार्यऔर मौज करें HR -
मुनीम देखें बही खातासेठ करें व्यापारवाह वाह👏👏मुनीम देखें बही खातासेठ करें व्यापारश्रमिक करें दैनिक कार्यऔर मौज करें HR
राज्यों की भाषाओं पर मत इतराओ ग़ालिबप्रत्येक राज्यों मेंरद्दी वाले की एक ही भाषा होती हैपेपररर🎶🎶 🤣🤣(I can hear this) -
राज्यों की भाषाओं पर मत इतराओ ग़ालिबप्रत्येक राज्यों मेंरद्दी वाले की एक ही भाषा होती हैपेपररर🎶🎶 🤣🤣(I can hear this)
लेखनी,,अर्ध चन्द्रमा की छटाऔर दिसंबर की ये सर्द रातेंओस की बूंदे करने लगी थीजब पत्तों से मुलाकातेंमैं गर्म चाय की प्याली लिएबरामदे से देख रहा थाक्षितिज के दो छोर से जब प्रकृति का मिलन हो रहा था। -
लेखनी,,अर्ध चन्द्रमा की छटाऔर दिसंबर की ये सर्द रातेंओस की बूंदे करने लगी थीजब पत्तों से मुलाकातेंमैं गर्म चाय की प्याली लिएबरामदे से देख रहा थाक्षितिज के दो छोर से जब प्रकृति का मिलन हो रहा था।
विचारों मेंताज़गी बनी रहेगी व्यवहारों में। -
विचारों मेंताज़गी बनी रहेगी व्यवहारों में।
उलझने हज़ार, समस्या हर रोज हैपंचतत्वों के तन में बसशिवतत्व की खोज है। -
उलझने हज़ार, समस्या हर रोज हैपंचतत्वों के तन में बसशिवतत्व की खोज है।
सर्द रातों का एक लम्हाऔर आग जलती रहीमैं यादों के सफर में भटकता रहाऔर कलम लिखती रही। -
सर्द रातों का एक लम्हाऔर आग जलती रहीमैं यादों के सफर में भटकता रहाऔर कलम लिखती रही।