रेखा बाँके   (रेखा बाँके✍)
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Joined 21 January 2019


Joined 21 January 2019

तुम्हारा प्यार मेरे जीवन की वो अक्षय संपदा है जिसे मैंने किसी भी परिस्थिति,किसी भी हाल में कम होते नहीं देखा
सदा प्रेम से भरे भरे ....मेरे सारे पुण्यों का निचोड़ हो तुम
मेरे पास गर्व करने जैसा कुछ भी तो नहीं ...ना रूप ना रंग ना ,ना उच्च शिक्षा या पद....इसके बावजूद हर बार गर्व होता है कि मैं तुम्हारी हूं ......तुम मेरे इतराने की वजह हो....

ये हम दोनों की अंतरंगी भावनाएं हैं .... सोशल मीडिया पर क्यूं ....??????

वो इसलिए कि एक साधारण से दिखने वाले उस असाधारण व्यक्ति को दुनिया भी जाने
मेरी तारीफ से पहले दुनिया को पता हो कि मेरे स्वाभाविक गुणों को सहेजने वाला...
मुझे प्यार और सुकून से परिपूर्ण रखने वाला.....
मेरी बेफिक्री और लापरवाहियों को भी तहेदिल से स्वीकारने वाला....
मेरे गुस्से ,मेरे नखरों को सर आंखों पर रखने वाला...
.....अपने प्यार और देखभाल से मुझे किसी मल्लिका सा महसूस कराने वाला....जिसकी वजह से मैं पूरी तरह से "मैं" हूं .....वो" तुम" हो🥰

अभिभूत हूॅं तुम्हारा साथ जीवनसाथी के रूप में पाकर .....सात नहीं अगर सात सौ जन्म भी होते होंगे तो वो ईश्वर से तुम्हारा ही साथ मांगूगी

मेरे शब्दों में वो सामर्थ्य नहीं कि कि तुम्हारे असीम प्रेम को बांध सके लेकिन तुम deserve करते हो कि समाज के सामने बार बार हर बार मैं तुम्हारी तारीफ करूं 🥰

शुभ अक्षय तृतीया 💐💐

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वो कच्चा कच्चा सा प्रेम
परिपक्व हो चला है
हमारे खुशहाल दाम्पत्य को
इक्कीसवां साल लग गया है 🥰

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बहुत खास ,फिर आम फिर ऐरे गैरे हो जाते हैं
पहले होते हैं रिश्ते बहुत गहरे....फिर दोनों बहरे हो जाते हैं 😜

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एक चाट खिलवा दो,दो आइसक्रीम कम से कम

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उसने मेरा खत लौटाया
इस हिदायत के साथ

या तो अपनी मात्राएं सुधारो
या ना करो मोहब्बत किसी पढ़े-लिखे के साथ😝

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क्या हाल चाल ?

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कभी कभी हम पूछ्ते हैं
क्या हाल चाल?
प्रत्युत्तर मिलता है... बढ़िया
इसके बाद एक लंबी खामोशी
दरअसल समय समय पर
ये दो पंक्ति का संवाद
वर्षा की बूंदें हैं ...
मुर्झाते रिश्तों के लिए
तसल्ली है अपने प्रिय के
कुशल मंगल की
उम्मीद है.... फिर अगले
संवाद की तरफ बढ़ने की
एक डोर है... जुड़े रहने की




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शील संपदा, गुणों की खान
सांवला रंग,नयन कमल समान
भाल तिलक,सौम्य मुस्कान
सहज,सरल,चतुर, सुजान
कौशल्या नंदन, दशरथ के प्राण
सबरि की प्रतिक्षा का प्रतिफल
अहिल्या का गौरव उत्थान

करूणानिधि, दयानिधान
अदम्य साहसी,वीर बलवान
प्राणों से बढ़कर,वचन का ध्यान
कुल का गौरव, रघुवंश का मान

गहन, सघन, परिभाषा प्रेम की
प्रीत की रीत का गौरव गान
राम विराजे हृदय सिया के
सिया हृदय विराजे राम

-रेखा बाॅंके ✍️





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सुनो ना,
मैं भी गिबली आर्ट बनाऊ
स्टेटस पर फोटो लगाऊं
हो जाऊं क्यूट क्यूट सी
आजकल ट्रेन्ड में है
चहूंऔर मची है लूट सी


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मेरे सामर्थ्य से कहीं बढ़कर
देते रहे हो प्रभु
तुम ही बतलाओ तुम्हारी लाड़ली
कैसे ना खुद को कहूं

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