आँखों को न जाने इंतजार किसका है
दिल में न जाने प्यार किसका है
भीगे हुए हैं रंग में और जला रहे हैं फुलझड़ी
बदल गया है सब कुछ ये चमत्कार किसका है-
फुलझड़ी सी थी,
अब बम बन कर फटती है।
कहता हूँ "आग" से दूर रहा करो,
फिर भी मुझसे सटती है।-
Jaise Ek Sundar Ful Ko Khilane Ke Liye Thoda Samay Lagta Hai,
Waisehi Hume Humara Perfect Lakshya Pane Ke Liye Thoda Vakt Lagtahi Hai!
✨✨✨😊✨✨✨ -Kranti Shelar
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आदरणीय मोटरों आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।💥
उम्मीद करते हैं इस दिवाली आप पर्यावरण को स्वच्छ व सुरक्षित बनाने में अपना अहम योगदान देने हेतु पटा के नहीं छोड़ेंगे। 😉🤪-
मैं तंग गलियों का सहजादा
और तुम ठहरी महलों
की बेग़म
प्रिये ।।
सोचा था तुम होगी कोई
फुस फुस वाली
फुलझड़ी ...
मगर तुम निकली कमबख़्त
तबाह करने वाली
आइटम बम
प्रिये ।।-
(पिछले टेस्टिमोनीयल से आगे)
हर शायरी उम्दा रची
है मीर ग़ालिब की चची
जड़ दे पैबन्दों में जरी
निर्झर कहूं या इक परी
फूलन है मीम की बीहड़ी
हँसती फुहार ये फुलझड़ी
भुल्ला की भुल्ली और मोड़ी
राखी सी सुन्दर हथकड़ी-
अबकी दीवाली मेरे लिए,,
खुशियों की लड़ी बन जा,,
मुझे बना ले अपना अनार,,
तू मेरी फुलझड़ी बन जा,,
27-10-2019-
कि
जलानी अभी-के-अभी फुलझड़ी है
पर
दीपावली तो अभी नवम्बर में खड़ी है...
और देखो,
फुलझड़ी भी तो अभी फुस्स पड़ी है...-
अनजान शहर में हैं फुलझड़ी हमारी
उफ्फ़ ! कैसे बीतेगी दिवाली की रात
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