Niru ⚛️   (Niru🍁)
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Joined 27 September 2017


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Joined 27 September 2017
24 NOV 2023 AT 21:47

दिल को न जाने कब से,मैंने तसल्ली देकर मना रखा है,
पता नहीं खुद को प्रिये तुमने,कहाँ आख़िर छुपा रखा है!!

कि मेरे रब्बा तू कुछ तो कर,जाकर मेरी खबर दे उनको,
हमने एक चेहरा सदियों से इंतेज़ार में उदास रखा है!!

लोग पूछते हैं ,कि क्या लिखते रहते हो हांथों पे अपने,
क्या बताएं,पूरा हाँथ हमने शिकायतों से भर रखा है!!

कि मेरी हर शाम गुज़रती है,ढलते सूरज को तकते हुए,
हमने खुद को प्रिये,तुम्हारे लिए हीं तो बचा रखा है!!

जो मिले फूर्सत तो देखना,कभी आसमान की तरफ,
एक चिट्ठी तुम्हारे लिए कबूतर के हांथों भेज रखा है!!

कि काश तुम कहीं से आओ और कहो कैसे हो नीरू,
चलो मुस्कुराओ, ये क्या हाल अपना बना रखा है!!

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30 SEP 2023 AT 13:33

आख़िर किस सरहद कि हैं ये मोहब्बत न जानें,
हो जाती है,होती नहीं ये किसी के बस की!!

कि लिखता कौन है कविता,ग़ज़लें यहां,
शायरी,नज़्म कहाँ हैं किसी के बस की!!

तुम्हें सोचता हूँ तो धड़कता है ये दिल मेरा,
अब तो मेरी सांसें भी नहीं है मेरे बस की!!

तुम्हारी सादगी,झुमकें,आंखों को क्या कसूर दूं,
इनसे बचा न कोई और न है ये मेरे बस की!!

मोहब्बत कि हद क्या होती है मैं नहीं जानता,
एक तो ये एहसास व न हीं कुछ है मेरे बस की!!

कि एक हीं चाहत तुम्हें पाने,तुम्हें ताउम्र चाहने कि,
तुम्हारे सिवा कुछ चाहना,अब नही है मेरे बस की!!

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28 MAR 2023 AT 14:58

सबसे मुझको साथ नहीं सुनने को बस बातें मिले हैं!!
अक्सर मुझको तन्हा बस रातें हीं मिले हैं!!
कि सोचता तो हूँ फूल को फूल हीं समझूँ....
पर क्या करूं फूल के नाम पर मुझको बस कांटे हीं मिले हैं!!

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27 FEB 2023 AT 10:42

तेरी आंखों में वो पढ़
रहा हूँ मैं!!

तुझे दिल में बसाकर तेरे नाम के
साथ अपना नाम गढ़
रहा हूँ मैं!!

कि कुछ तो ज़रूर है तेरे मेरे
दरमियान...

यूँ हीं नहीं तुझे प्रेम और तेरी ओर
ऐसे बढ़ रहा
हूँ मैं!!

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14 FEB 2023 AT 11:24

कि ये कहीं बिखर
न जाए!!

रखो अपने पास मुझको,मंजिल
तुम हो फिर ये नीरू
किधर जाए!!

कि बना लो न यारा अपने लबों
कि हंसी मुझको .....

जो आये लबों पे हंसी तेरी तो
तेरी सादगी और ज्यादा
निखर जाए!!

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10 JUL 2022 AT 17:17

हो शाम का सुहाना मौसम और
हम दोनो यूं हीं साथ में
बैठे रहे।।

सिली सी कोई हवा चले,तुम कंधे
पर सर रखो और बात दिल
की यूं हीं होती रहे।।

कि चुमूं तेरा माथा,थामू तेरा
हाथ मैं उम्रभर के
लिए....

तेरी इज्जत हो पहला प्रावधान मेरा
और ये हसीं तेरे लबों की यूं हीं
सदा बनी रहे।।

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9 JUL 2022 AT 21:15

दिल के हर जज़्बात मुकम्मल
हो जाए।।

रब से जो मांगी है मैंने वो
अरदास मुकम्मल
हो जाए।।

कि उनको रखूंगा अपनी सांसों
में बसाकर मैं...

वो जो आए तो ख्वाहिश क्या,
हर ख़्वाब मुकम्मल
हो जाए।।

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25 APR 2022 AT 23:05

सुनो कभी-कभी ख़ुद हीं समझ जाओ ना
प्रिये दिल की बात मेरी ....

हर बार लबों से कुछ कहना शब्दों में कुछ
लिखना ये ज़रूरी है क्या ...

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23 APR 2022 AT 13:41

थोड़ी मासूम थोड़ी तीखी,थोड़ी
ज़हर सी लगती
हो मुझको ।।

जो मुझे बहाकर ले जाए,समुन्दर
की वो लहर सी लगती
हो मुझको।।

कि ढूँढा तुझको हर जगह हर
क़स्बे में पर तू कहीं मिली
नहीं मुझको ।।

शायद कहीं दूर है ठिकाना तेरा
मेरे शहर की प्रिये,तुम नहीं
लगती हो मुझको।।

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22 APR 2022 AT 16:33

हमसे वजह ना पूछो तुम
दिल लगाने कि...

तेरा मेरे क़रीब आकर

आँखो से आँखें मिलाकर

तेरा यूँ हल्के से मुस्कुराना

ये एकवजह काफ़ी है तुम्हें
चाहने की....

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