जो भी मिले हैं हर गम को छुपाते देखा है
पिता की फटी कॉलर को भी मुस्कुराते देखा है।-
भागते-भागते चप्पलें घिस गई, जिंदगी फिर भी अपनाती ही नहीं
फटी चप्पलें पापा की कैसे हँसती थी, मेरी तो मुस्कुराती भी नहीं-
Never believe when your father tells you that superheroes don't exist. One is standing right in front of you.
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सफाई में एक दिन मेरे बचपन का पुराना बस्ता मिला,
उसे देखते ही ऐसा लगा कि जैसे मेरा बचपन खड़ा हो मेरे सामने वो बस्ता टाँगे,
स्कूल यूनिफॉर्म पहने, गले में थर्मस लटकाये खिलखिला रहा हूँ मैं!
थोड़ी देर तो उसे हाथ में ले के देखता रहा, फिर अनायास ही चेहरे पे मुस्कान आ गई,
दिल छलाँगें मार रहा था, जैसे एक बच्चा कूदता है धरा पे खिलौने के लिए,
धड़कने इतनी तेज़ की आवाज़ अंदर ही अंदर मेरे कानों तक आ रही थी, धक-धक-धक-धक..
धूल इतना कि बस्ते का असली रंग दिखाई नहीं पड़ता,
लेकिन मुझे बहोत अच्छे तरीके से याद था उसका लाल रंग,
मुझे याद था कि दुकान पे मैंने पापा से जिद्द कर खरीदवाया था वो बस्ता!
मैं चाहता तो तेज़ तेज़ पटक कर सारी धूल निकाल देता,
लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई उसे पटकने की, ऐसा लगा मानो कंही चोट न लग जाये उसे!
कीमत तो उसकी मामूली ही थी लेकिन अनमोल था मेरे लिए,
क्यूंकि अपने रेनकोट के पैसे से खरीदा था पापा ने,
उन्होंने खुद भीगना चुना मेरी एक छोटी जिद्द के आगे,
माँ का प्यार दिख जाता है बचपन से ही लेकिन पिता का प्यार बड़े होने पर ही समझ आता है,
बड़ा ही गहरा होता है प्रेम पिता का!-
पापा,
सब कहते है कि
मैं बिल्कुल आपके जैसा दिखने लगीं हूँ..!
मेरी आँखों, बातें, मुस्कान..
सब आपके जैसा है..!
हम कब अपने माँ-बाप जैसे,
होने लगते हैं..
हमे पता ही नहीं चलता..!-
ममता की आँचल में, ममता की छाँव में ।
मन मेरा रमता है, उस छोटे से गाँव में ॥
मन मेरा माँ की गोंद में जब सोता है,
स्वर्ग के जैसा एह्सास मुझे होता है
माँ मुझे अपने गले से लगा लेती है,
दिल मेरा जब किसी बात पे रोता है
हर गलती पे मेरी, माँ आती है बचाव में ।
मन मेरा रमता है, उस छोटे से गाँव में ॥
हर रोज माँ का मुझको वो समझाना,
पापा का मेरे लिये नये उपहार लाना
भाईयों का मुझसे वो लड़ाई करना,
वो बहनों से हाथ पे राखी बंधवाना
अच्छा नहीं लगता कुछ भी, उस प्यार के अभाव में
मन मेरा रमता है, उस छोटे से गाँव में ॥
मेरी खुशियों के लिये हर रोज मंदिर जाना,
हर काम से पहले दही और चीनी खिलाना
घर से दूर जाते वक्त मेरे ए "नवनीत"
दरवाजे के पीछे छुपके माँ का आँसू बहाना
भवसागर पार करना है इस संस्कार के नाँव में ।
मन मेरा रमता है, उस छोटे से गाँव में ॥-
बन दीपक जल अँधेरे में, जो मुझें रौशनी देता था।।
एक फ़रिश्ता ऐसा मैंने, अपने वालिद के रूप में देखा था।।-
लाखों का कर्ज होने के बाद भी वो मेरी हर ख्वाहिश बड़े अदब से पूरी करते हैं ....!!
वो मेरे पापा हैं जो अपनी प्रिंसेस से
बहुत प्यार करते हैं .....!!
🤗🤗-
❤पापा❤
उसने जिंदगी दी है मुझे पर इस जिंदगी पे वो कभी हक ना जताता है
प्यार के फक्त एहसास से वो याद आता है
ख़्वाहिशें उसकी मेरी खुशी बन गई हैं वो अपना हर पल मुझपे लुटाता है
पहली नज़र का प्यार नहीं पता मुझको
उसने मुझे देखा भी ना था वो जब से मुझे चाहता है
उसकी जगह ना कोई था ना कोई आएगा
हाँ, मेरी पहली मोहब्बत मेरे पापा हैं।-