Khud Ke Ehsas✪   (नरेन्द्र सिंह ✍️)
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Joined 25 April 2021


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7 JUL 2023 AT 22:01

जब कहीं कथा/प्रवचन हो रहे होते हैं
और उसमें भंडारा शामिल हो
तो आधे से ज्यादा लोग तो यही कहते हैं।
कि यहाँ आधे से ज्यादा लोग तो भंडारा खाने को बैठे हैं।।

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6 JUL 2023 AT 7:01

जब एक लेखक जनता के बीच में जाता है तो उसके मन में विचारों की बाढ़ आती है। लेकिन उस वक्त उसके पास लिखने का कोई साधन न हो तो वह बहुत व्याकुल हो जाता है।

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25 JUN 2023 AT 21:00

ये मन उन्हें, भूलना चाहता है।
मगर ये दिल फिर भी उनके लिए, प्रार्थना करता है।।

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18 MAY 2023 AT 13:56

सब कुछ ठीक ~ठाक होने के बावजूद भी यदि तुम
दुसरे पर आश्रित हैं तो बहुत खतरनाक है मित्रों।
मेरे लिए भी और आपके लिए भी🤗
न किसी पर आश्रित होना और न हीं किसी को अपने पर आश्रित होने देना।

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16 MAY 2023 AT 20:20

।। एक दुपट्टा साधारण या बहुमूल्य ।।

नीचें लिखीं कुछ पंक्तियों को पढ़कर आंकलन कीजिए जनाब...!
एक “ दुपट्टा ” तो हम भी रखते हैं, साहब..!!

इसे रखने से मेरी कोई, आज़ादी नहीं छिन जाती।
और
इसे न रखने से मुझे कोई, “विशेष आज़ादी” भी नहीं मिल जाती।।

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29 MAR 2023 AT 16:54

हमको अपने प्रियतम से, बस इतना सा कहना हैं।
कि आपको हमारे इस प्यारे, दिल में रहना हैं दिल में रहना हैं।।

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27 MAR 2023 AT 22:04

हम इतने समझदार नहीं हैं कि, किसी अपने की गलती पर उसे टोकें तो वह बुरा मान जाए और रिश्ता ख़त्म करने की ओर चले ।
उसके बाद फिर उसे हम रोकें रिश्ता बनाए रखने के लिए, हम इतने समझदार नहीं हैं ।।

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6 MAR 2023 AT 8:44

जब समस्याएं झील, नदी, नहर और तालाब की तरह होती हैं तो मैं उनमें तैर लेता हूं।
मगर जब समस्याएं समुद्र से उठती लहरों और बाढ़ के झोंकों सी होतीं हैं तो मैं उनमें गोता खा जाता हूं।।

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4 MAR 2023 AT 15:33

यार.......
बचपन में तो माँ
आँसू पोंछ दिया करती थीं।
मगर अब ..........🥹😭

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10 FEB 2023 AT 8:10

जिस दिन इन्सान की इंसानियत और बड़प्पन मर जाता है तो वह रह जाता सिर्फ़ एक पुतला।

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