QUOTES ON #पश्चाताप

#पश्चाताप quotes

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2 APR 2020 AT 20:17

मैंने उन सभी लोगों के नाम की
एक लम्बी लिस्ट तैयार की हुई है,
जिनके साथ मैंने मन, कर्म, या वचन,
किसी भी प्रकार से कुछ गलत किया है,
ताकि सभी से माफी मांग कर
पश्चाताप कर सकूं।

लोगों के नाम को मैंने,
अपनी गलतियों की गंभीरता के आधार पर
क्रमित किया है।

समय समय पर, लोगों की
रैंक घटती बढ़ती रही। मगर,
आजतक अपना नाम
पहले पायदान से कभी नीचे नहीं आया।

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5 DEC 2019 AT 16:20

"हृदय में सोज़- कुंठा- वेदना
प्रतिपल पश्चाताप करूँ रोज़ मैं,
वो शायद मात्र ईक संयोग था
रहा ताउम्र जिसके वियोग में,

...यह कहाँ आ गया अबोध मैं
बस इक ही शख्श की खोज़ में
कहीं छोड़ आया सभी लोग मैं...."

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30 JAN 2022 AT 19:46

जलना है पश्चाताप की अग्नि में यूं ही
गुनाहों की मेरे मुकम्मल सजा नहीं
उम्र-भर जलते जाना है यूं ही
नहीं हैं काबिल माफी के
हर सजा कम है इस जीवन में
आखिरी क्षणों तक मुक्ति नहीं
मृत्यु ही मुक्ति है

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11 FEB 2020 AT 11:34

करूँ जो वादा ग़र,
हर हाल में निभाऊँ.
कैसा भी हो सफ़र,
हर राह साथ आऊँ.

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5 JUN 2020 AT 22:32

हाँ पश्चाताप कर रहा हूँ,
उन गलतियों का,
जो मैंने कभी किया ही नहीं।
हाँ पश्चाताप कर रहा हूँ,
उन लफ़्जों का,
जो मैने कभी कहा ही नहीं।
हाँ पश्चाताप कर रहा हूँ,
उन गुस्ताखियों का,
जो मैने कभी इश्क़ में किया ही नहीं.!

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17 NOV 2017 AT 22:40

जिस दिन मौत को गले लगायेंगे,
उसी दिन तुम भी आओगे,
सच कहती हूँ तुम रो-रो कर हमें बुलाओगे।
न सुनेंगे हम तुम्हारी न तुमसे हम बोलेगें,
तुम खून के आँसू बहाओगे।
हम पोंछ भी न पायेंगे,
शायद उस दिन तुम हमारी,
तड़प को समझ पाओगे,
हम जिस दिन मुँह फेर कर जायेंगे।
सच कहती हूँ मैं आज,
उस दिन तुम बहुत पछताओगे।

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"पश्चाताप की अग्नि एवं लेखन "



पश्चाताप की अग्नि का अहसास मुझसे पूछिये, "मैं आया "।
जिसने दिनों तक कई रातें अकेले ही घने जंगल में बिताया।

जंगल में भी हमें लेखन ही याद आती रही।
कागज़, कलम की अनुपस्थिति रूलाती रही।

यूँ तो उजाला दिखा सामने दिनों बाद जो वापस आ सके जिंदा।
वरना लिखना कोई बड़ा नहीं; यदि लफ्ज़ जमाना आए चुनिंदा।

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11 FEB 2020 AT 15:32


वादा किया मुझ संग प्रीत में
ना कभी तुम्हें पश्चाताप होगा
तुम रहना सदैव सुखी
किसी बात का ना तुम्हें संताप होगा

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28 MAR 2019 AT 10:11

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27 MAY 2020 AT 20:56

अन्त यहां सबका का होता है,
जो आरम्भ हुआ है उसका अन्त निश्चित है,
परंतु अन्त सफल तब ही होता है
जब आपको उस अन्त पर पश्चाताप न हो।

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