बड़ा कुछ सीखा गया,
अपने बड़े अपनों को
पल में समझा गया
वक़्त हैं बड़ा कुछ सीखा गया
जो बेटा करके पुकारते थे
वो बत्मीज कह कर पुकार गया
वक़्त हैं बड़ा कुछ सीखा गया-
मैं जो कुछ भी हूँ आज
मेरी माँ ने मुझे बनाया
देखकर ही उसको मेरी
अब सांसे चलती है... read more
Sahi waqt pe dil ki bhi suni par kisi ko samjhaana nahi aaya... Bhala kya hai or bura kya yeh jaan kar bhi kisi ka dil dukhana nahi aaya❤️❤️
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जब भी तुम आस-पास होते हो,
पतझड़ में बहार आ जातीं हैं
स्नेहिल बूंदें दिखाई देती हैं सावन की
जीवन में फिजा सी छा जाती है-
तू अब अजमा ले मुझे
मैं बैठी हूँ अब तो आराम से
जा हो जा जिसका होना हैं तुझे
हमने तो कब का जोड़ लिया
अपना नाम तेरे नाम से-
मैं परिवार से दूर रही लेकिन
परिवार की एहमियत मेरे साथ रही
जब देखती हूँ आज के युग में बदलती दुनिया को
तो न साथ होकर भी मेरी माँ
संस्कारों के रूप में मेरे साथ रही,
सबके लिए परिवार बहुत बड़ा होता हैं
लेकिन मेरा परिवार और मेरी पहचान मेरी माँ रहीं,
दुनिया कहती हैं मैं बहुत लिखती हूँ माँ के लिए
वो क्या जाने मेरा यहाँ तक आने की
बुनियाद ही मेरी माँ रहीं
मुझे कान्हा से मिलाने का राज़ मेरी माँ रहीं
मेरे हर सुख-दुख का साथ मेरी माँ रहीं
दुनिया के लिए होगा उनका परिवार बहुत बड़ा,
मेरे लिए मेरा परिचय, मेरी पहचान, मेरा परिवार
और मेरे संस्कारों की नींव ही मेरी माँ रहीं
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समझदारी समझाते हैं आज माँ-बाबा
उसे समय से विदा करने में ही
नहीं तो यहीं दुनिया वाले शर्म का चश्मा पहन
उसे हैवानियत की नजरों से देखते हैं-
Was very tough to get
But i believe in myself
& Get whatever I want-
प्यार के दीप जलाओ,
दुनिया से अंधकार मिटाओ,
प्यार भरे रिश्ते बनाओ
खुद भी खुश रहो और
औरों की हँसने की वजह बन जाओ
प्यार के दीप जलाओ-
पांच महीनों के सफ़र में
कुछ अलग ही लम्हें जिए हैं हमने
हमसफर के रूप में
कम लगने लगी ये जिंदगी
ऐसे खूबसूरत लम्हें जिये है जो साथ में-