तेरी कहानी ना सही,
पर तेरा किस्सा तो हूँ..!
तेरी जिंदगी ना सही,
पर जिंदगी का हिस्सा तो हूँ..!-
🎂5 जनवरी
📚 MA in Economics
❤ Tea lover🍵
❤ like swimming🏊
❤ like writing 🖋
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खुद ही से खुद को दूर कर बैठे हो,
क्या सच में इश्क़ कर बैठे हो..
उसकी गैरमौजूदगी भी अब मौजूदगी सी लगती है,
आखिर ये क्या कर बैठे हो...!
उससे बातें अब नहीं होती,
पर उसी की बात कर बैठे हो..
अपनी जज्बातों को अपने ही अंदर कैद कर बैठे हो,
आखिर ये क्या कर बैठे हो..!!
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कुछ पाने की चाहत में,
बहुत कुछ खो बैठा हूँ..
इस दिवाली अपनों से दूर हो बैठा हूँ...
शायद ये पहली दफा है,
जब दिवाली में घर ना गया हूँ...
वो मुंडेरों को दिये से सजाना,
छत पे लरियाँ लगाना,
सब मिल के हुक्कापाती जलाना..
ये जब भी याद आती हैं,
घर वाली दिवाली याद आती हैं..!
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तुमसे दूर रहने का,
हर हतखंडे अपनाया हैं हमने..
जिस्म को दूर रख भी लूँ,
पर रूह को तेरे पास पाया है हमने..!-
कुछ रास्ते इतने खूबसूरत होते हैं की,
हम मंजिल की परवाह ही भूल जाते हैं..!-
मैने लाख कोशिशें कर के भी बदल ना सका तुम्हें,
मैने खुद को बदल लेना मुनासिब समझा..!-
तेरा रोना धोना इश्क़ में सब फिजूल था,
हम थे या करीब कोई और था..
जिस कदर हम तन्हा हुए तेरे दुर जाने के बाद,
काश तु भी तो होती कभी मेरे दुर जाने के बाद..!-