धरती हमसे पूछ रही है?
हरित मेरा परिधान कहां है?
सूख रही है गंगा यमुना,
कल कल करता गान कहाँ है?
पूजा जाता था वृक्षों को,
दुर्लभ वो सम्मान कहां है?
जंगल कटे मिटाकर जीवन,
जीवों को विश्राम कहां है?
स्वतंत्र बताओ तुम भारत में,
प्रकृति का स्थान कहां है?
लुप्त हुई नन्ही गौरैया,
जीव दया का दान कहाँ है?
सिद्धार्थ मिश्र
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