QUOTES ON #नीली

#नीली quotes

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31 MAY 2020 AT 16:38

जो तुम्हारी आँखों से बयान होते हैं
वो लफ्ज शायरी में कहाँ होते हैं,

तुम्हारी इन झील सी नीली आखों में
डूब जाने की हसरत हैं,

कहदो इन नज़रों से मुझे तुमको
निहारने की चाहत है...

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11 MAY 2023 AT 22:40

विरह की अग्नि में जल तपस्या मैं कर रही
तो अनवरत प्रतिक्षा में तुम भी तो होंगे

पा कर तुम्हें सप्तपदी वचनों से, फिर खोया
अधूरी हूँ यहाँ, तो पूर्ण तो तुम भी तो नहीं होंगे

कुम्हलायी ,निस्तेज, निर्जीव सी ढोती हूँ काया
फूल सा तन, सुरभि-सा मन तुम्हारा भी तो ना होगा

चेहरे की फीकी हँसी से ढकती हूँ उदासी की लकीरें
हँसी उजली वो नीली चमक तेरे चेहरे पर भी ना होगी

सुवास रहित निर्जन पथ पर एकाकी सफर पर हूँ मैं
महकती ,चमकती चाँदनी यामिनी में तुम भी तो ना होगे

आँखोंं से बहते हैं अविरल अश्रुजल की धारायें
तेरी आँखों से खुशियो के अक्षुनीर तो ना झरते होगे

अनजानी नियति से बँधी हैं जो सारी दिशाएँ हमारी
ये सत्य है,ना मैने चाहा था इसे ना ही तुम चाहते होगे

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29 JUN 2017 AT 19:33

ओढ़ लेने दो ये नैना तुम्हारे,
मेरे आसमान में आज नीला कुछ कम है ।

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5 MAY 2021 AT 15:40

मृत्यु की देवी को
शायद पसंद न आयी
ये नीली बिंदी।

लगी है कब से इसे लाल करने।

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6 MAR 2022 AT 22:57

तेरी स्मृतियों के आसमान को बांधा है
मैंने नीली साड़ी के आँचल में
तेरी प्यार का दीप्तिमय सूरज को
साधा है मैंने अपने माथे पे
तेरी आँखो से उठती प्रेम तरंगों को
समा लिया मैंने आँखों के काजल में

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1 APR 2020 AT 15:22

तुम्हारे बग़ैर कुछ इस तरह त्यौहार मना लेतीं हूँ ,
तेरे नाम की चूड़ी , बिंदी - सिंदूर लगा लेतीं हूँ ।

तेरी पसंद की नीली साड़ी बदन से लिपटा लेतीं हूँ ,
ऐसे तेरे एहसास से स्पर्श की कमी मिटा देतीं हूँ ।

पकवान बना तस्वीर तुझे व्हाट्सअप कर देतीं हूँ ,
तुम्हारे बग़ैर कुछ इस तरह त्यौहार मना लेतीं हूँ ।

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15 DEC 2021 AT 17:42


यकीनन वो नूर सितमगर निकला है नहाके नमकीन समंदर की गहराइयों से...,
के ,तभी उसकी नग्मा निगार आंखों का नीला रंग,समंदर से बेहद‌ मिलता जुलता है।।

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21 AUG 2020 AT 14:26

मालूम है तुम्हे क्यूँ बाँया पन्ना खाली रखती हूँ मैं..
अपनी नीली किताब का..
तुमसे हुई बातें लिखती हूँ दायें पर और तुम्हारी
मेरी कल्पना से हुई बात उसे भी तो जगह चाहिए ना..

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25 SEP 2019 AT 12:56

नीली मधम रोशनी में,
पहरा समंदर का है,
छूना है नीला गगन तुझे,
तेरा अरमानो का सजा सेहरा है,
निकल जाना पार इस जहान के,
नीली रोशनी के बाद एक मधुर सवेरा है।।

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20 MAR 2019 AT 1:21

कुछ इसलिए भी नहीं पहनता मैं नीली कमीज़ अपनी,
लोग पूछेंगे मुझसे राज खुशबुओं का तो मैं शर्माऊंगा कैसे।

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