आयत आसमां   (आसमान)
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Joined 17 June 2021


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उनकी ख़ामोशी भी उनकी ही तरह बेहद खूबसूरत है|वैसे वो अपनी चुप्पी में भी शोर का सरंज़ाम बाकायदा रखते हैं|आप उनको पढ़ते हुए महसूस कर सकते हैं कि एक शख़्स जो महीनों से कुछ लिख नहीं रहा,वो कितनी बेबाकी से अपनी अनुपस्थिति में भी उपस्थिति दर्ज़ कराता चलता है कलम के इस सहरा में,वो भी बोले बग़ैर|हम अपने पसंदीदा रंगों में समानता साझा करते हैं शायद इसलिए मेरे उस्ताद अपने ज़िस्म पर रंगीन दुनिया के सारे रंगों के बरक्स मेरी पसंद का सफेद रंग ओढ़ते हैं |गाहे-बगाहे अदा बदलती है मगर उनका असल लिबास तो सफेद ही हुआ करता है|यकीनन उनको पढ़ने वाले,उनके अशआरों से मुहब्बत करने वाले लोग मेरी ही तरह पागल होंगे उनको रंग लगाने के वास्ते भी|रंगों के पर्व की बेहद-बेहद मुबारकबाद उस्ताद|कई रोज़ हुए आपकी कलम की रियासत में देर रात एक लङकी दाख़िल होती है चुपचाप,आपको पढ़ती है,बार-बार पढ़ती है,फिर चुपचाप ही बग़ैर कुछ कहे-सुने वापिस लौट जाती है अपनी पढ़ने की मेज़ पर|आज उस लङकी से चुप नहीं रहा गया तो अपने पसंदीदा लेखक से ख़त-ओ-ख़िताबत करने बैठ गई| दीवार पर एक नाम चिपका रखा है लिखकर-"आसमान के उस्ताद"|एक अद्भुत रचना-संसार के सृजन के वास्ते कि जहां एक जादूगर अपनी गिनती के शब्दों से महावृत्ताँत रचता चल रहा है,आपको बहोत-बहोत शुभकामनाएँ|यूँ ही लिखते रहिए और हम सब को पढ़ने का मौका देते रहिए|नमस्ते सर🙏🙏

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माँ की शॉल में गुजारे जाङे के दिन उसे बखूबी याद हैं,वो लङका आज भी पारले जी बिस्कुट से मोहब्बत करता है|महाकाल का वो दीवाना शहर भर में बदनाम है,कारण चादर की सिलवटों में माशूक की तस्वीर जो मिली है,उसे फिक्र है दुनिया जहान की,लोगों ने उसके सहर का सूरज जो उससे छीन लिया है|हर टूटे दिल की आवाज़ उसके दिल तक जाती है शायद तभी हम जैसे लोग जो एक दफ़ा उसके इलाके से दिल लगा बैठे तो फिर कभी लौट ही नहीं पाए वापिस घर|इतनी संजीदगी से कोई कैसे इतने गंभीर मसलों पर लिख जाता है,वह भी बग़ैर किसी लाग लपेट के!आपके समस्त लेखन का एक्सरे करने के बाद जो एक तरह का सुकून और ताज़गी नसीब होती है वो अपने आप में बेहद ही खूबसूरत और दिशा देने वाली भी है|हर बार आप अपनी कूँची को नये रंग में डुबो कर लाते हैं और हर बार एक नयी तस्वीर गढ़ते हैं|हिंदी साहित्य की विद्यार्थी हूँ ,इतना तो समझ आता ही है कि कौन किस दर्जे का लेखक है|आप लाख ख़ुद को लेखक होने से नकारते रहें मगर आप इस मंच के ही नहीं,बल्कि ज़िंदगी के भी बेहतरीन कलमकार हैं|आपके शेरों पर जल्दी कोई टिप्पणी नहीं करती हूँ क्योंकि अपनी पसंदीदा रचनाओं को पढ़ते हुए बीच में टीका- टिप्पणी मुझसे नहीं होता|इसलिए सोचा कि क्यों न एक पत्र ही लिखूँ|बसंती मौसम में बरसात..हां थोङा अजीब है मगर मेरे शहर का यही मिज़ाज़ है आजकल|उम्मीद करती हूँ आप आगे भी अपनी कलम का जादू बरकरार रखेंगे सर🙏

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फरवरी की तारीख़ों ने पागल किया था
लौट आया आसमान फिर इश्क़ की दुकान पर

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ट्रेन की ऊपरवाली सीट से चिल्ला के बोल रही हूँ सुन लीजिएगा🤷जन्मदिन की बहोत-बहोत मुबारकबाद उस्ताद👑🍬🍬जैसा कि सफ़र में हूं तो सोचा क्या करूं तो निग़ाह कलम पर पङी|अंगुली पर केक बनाया है वो भी नीले रंग का क्योंकि ये अपना पसंदीदा रंग है और इसलिए भी कि अभी सिरफ़ नीला पेन ही है पास अपने|पिछले काफी वक्त से आर.पी.एस.सी की तैयारी में डूबी थी|आज पेपर था भरतपुर में|नये साल पर आपको मुबारकबाद भी नहीं दे सकी सो नये साल की मुबारकबाद भी कुबूल फरमायें💫💫💫💫💫ये पाँच सितारे आपकी कामयाबी के नाम|ये नया साल और ये जन्मदिन आपके लिए यादगार बनें यही दुआ है अपने उस्ताद के वास्ते|वर्ष 2021 में एक अज़नबी शख़्स जो योरक्योट के गलियारे में मिला,वो मुझ जैसी पागल लङकी को कितना कुछ समझा गया|यकीनन वो अपनी दो चुनिंदा लाइनों से आज भी दुनिया की हर लङकी(चाहे वो अठरह बरस की हो,चाहे अस्सी बरस की)के दिल में छेद कर रहे हैं|इस उपलब्धि के लिए इस मंच के अनगिनत लोग उनसे रश्क़ रख सकते हैं!औरों का नहीं पता मगर मुझे तो बङी जलन होती है😀😀गुजरात में बैठ कर बेशक़ लाख रुपया का केक काटिएगा मगर हम जैसे प्रशंसकों को पच्चीस रुपये वाला वेज केक तो भेज ही दीजिएगा क्योंकि और सब तो उत्तर प्रदेश आते- आते पिघल ही जायेगा न🤷|हमेशा खुश रहिए,मस्त रहिए,अपनी काफी से इश्क़ लङाते रहिए,चाय से सबको जलाते रहिए|बाकी इस सफर में एक गाना आपके नाम सुनिए💁

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18 DEC 2023 AT 22:13

आती जनवरी में
नज़र आप आ जाएं चारबाग स्टेशन पर
महज़ इतनी सी ख्वा़हिश है मिरी

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26 NOV 2023 AT 1:09

गुस्ताख़ी माफ़ हो मगर कभी-कभी न उस्ताद आप मुझको जादुई सपेरे जैसे लगने लगते हैं क्योंकि जब-जब हम इस दर से भागने की फिराक़ में अपना बोरिया- बिस्तर समेट निकलने ही वाले होते हैं,आप दो लाइन में ऐसी फूँक मारते हैं कि आसमान को मंत्रमुग्ध हो लौट आना पङता है फिर से योरक्योट दीदा की रियासत में|फिर तो आसू से रहा ही नहीं जाता अपने उस्ताद की कलम से बोले बग़ैर|विगत तीनों क्योट बेहतरीन थे ,पढ़कर एकदम भूख पियास सब मर गये |सिरफ़ वो गुलाबी गाल वाला गले नहीं उतरा,जी तो चाहा एकदम देशी गाली गुफ्ता से आरती उतारूं किसी की |हिसाब वास्ते 😏कितने सारे मंसूबे भी पाल ही रखे थे हमने,मधुमक्खियों से कटवा के गुलाबी को नीला लाल करवा देंगे,हाथ पैर तोङवा देंगे🤔नहीं सीधे उठवा लेंगे🤷 मगर गनीमत है किसी को👉🧛 बचा लिये उस्ताद अपने जवाब से|अरे डरिएगा नहीं आपको नहीं और सबको बोल रहे थे|आप तो बस ऐसे ही लिखते रहिएगा ताकि मुझे हमेशा गुमान रहे कि मेरे उस्ताद इस मंच के सरताज हैं और कोई नहीं|अगली मुलाकात देर से होगी इसलिए 🍷🍷चीयर्स करते जा रही हूं अनार के जूस से खुश न🤷🙆🏻गुड नाईट ब्लू आइस स्टार|आसमान के नीले नक्षत्र यूं ही जगमगाते रहें|मिलते हैं फिर किसी रोज़ किसी नई सङक पर|तब तक के लिए अलविदा उस्ताद💁👫 🌻🌻🍬🍬

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26 NOV 2023 AT 0:20

वो तफ़ावतों की ज़िद पे अङे हैं उन्हें खबर कहाँ हम देशी गुङ चींटों की तर्ज पे खङे हैं....



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25 NOV 2023 AT 0:00

आज मेरी रोशनाई में भी पानी देखते हैं...
वल्लाह!मिरे इश्क़ के ख़तों को अाग लगाने वाले,

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24 NOV 2023 AT 23:52

सर्द मौसम..🐥और आपकी शराबी आँख🍷🍷,,
......ख़ुमार-ए-इश्क़ चढ़ेगा फिर 31 दिसंबर की रात😉

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12 NOV 2023 AT 1:35

आपके जेहन में अगर अब भी कहीं जिंदा होऊं तो आसू का सलाम कुबूल फरमाएं|कहां हैं और कैसे हैं?उम्मीद है अच्छे ही होंगे हमेशा की तरह|उस्ताद आपकी नन्हीं शागिर्द अपने सपनों को पीछा करते करते आख़िरकार आख़री सीढ़ी तक पहोंच चुकी है|अगर सब ठीक रहा तो जल्द ही उसके नाम में तब्दीली आ जाएगी और आसू डाक्टर कहलाएगी |आपने कहा था कि पढ़ाई पर ध्यान दो|जी अब सिरफ़ पढ़ाई पर ही ध्यान देते हैं मगर गाहे-बगाहे आपके दर पर भी आए बिना नहीं रह पाते|इस मंच पर अपना लिखना तो बंद ही हो गया है मगर बेहद खुशी होती है कि आप आज भी लिख रहे हैं और अपने अंदाज़ में लिख रहे हैं|रौशनी के पर्व की बहोत-बहोत मुबारकबाद उस्ताद|जहां भी रहें खुश रहें,सेहतमंद रहें और लिखते रहें|और हां एक बात कहनी थी कि हमने जो बीङी सुलगाई थी वो कभी बुझी ही नहीं|अपनी सारी पगलई आज भी वैसी की वैसी ही है|हां बस ये जरूर सोचते हैं कि कुछ बन बिगङकर ही अब उस्ताद के शहर में कदम रखेंगे|शायद वो आसू से मिलने को तैयार हो ही जाएं|शायद.||||||||परेशान न हों 🤷अब सुधर गए हैं हम|सिरफ़ पढते लिखते हैं और उस्ताद के इलाके में चक्कर लगा आते हैं|जो लोग सही राह दिखाते हैं उनको आसू भूलती नहीं है |दिन में वक्त नहीं मिला इसलिए अभी लिख पाए|जब भी इधर आइएगा सर तो पढ़ लीजिएगा और हां अपनी खैर ख़बर भी दे दीजिएगा|🤗👈ये वाले जवाब से आज भी हमको सख्त नफ़रत है तो प्लीज़ मुँह खोल दीजिएगा🤷

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