करवटें घबराहटें तन्हाइयाँ,
हाए मुझको तेरी ये फ़रमाइयांँ।-
देखता है जब जब चेहरा तेरा 'शुभम' तुझको अपना खुदा कह द... read more
बचपन की कहानियों सी, ख़्वाब जैसी लगती हो,
छुपा रखा है किताबों में तुमको तुम बिल्कुल गुलाब जैसी लगती हो।-
बिछड़ा जो तुझसे तो मुझको श्याम मिला,
तेरे बाद मुझको बहुत आराम मिला।-
दिन रात सँवारा करती है गेसू अपने दीवानों के सामने,
उसे खबर नहीं कितने बिगड़ते है हालात ऐसे तूफ़ानों के सामने।-
मुकम्मल करते है तेरे तसव्वुरात मुझको,
तुझको ना सोचूं ज़रा देर तो अधूरा हो जाऊं।
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रिश्ते बने ऐसे की जख़्मों की कमी ना हुई,
कुछ दोस्तों में बिल्कुल मेरे दुश्मनों का स्वभाव लगता है।-
आते जाते है लोग कितने मेरे दिमाग से बस तू नहीं जाती,
थक गया हूँ कर कर के साफ बदन अपना मेरे बदन से तेरी बू नहीं जाती।-
इश्क़ में लड़के समेट लेंगे तुमसे इश्क़ तुम्हारा,
और बदले में सौंप देंगे तुम्हें बचपन अपना।-
निगाहें मोटी, आरिज़ गुलाबी, अदाएं तीखी,
अब और क्या बताए लुटेरे कैसे होते है।-
मुझको भी तो बाबा मेरे हिस्से की ठाकरी दे दे,
वृंदावन निकले प्राण मेरा मुझको अपने चरणों की चाकरी दे दे।-