Pankaj Singh Chawla   (P. S. Chawla✍)
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Joined 24 June 2017


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Joined 24 June 2017
18 MINUTES AGO

सुबह हो मेरी देवालयों पर,
हर साँझ क्षितिज के पार हो,
बजे शंखनाद पहाड़ों पर,
सुनकर हृदय बलवान हो।

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20 HOURS AGO

बहनों सा संग निभाती है ये सहेलियां,
ख़ुशी हो या ग़म साथ रहती है ये सहेलियां,
छोटी हो या बड़ी हक अपनों सा जताती है,
विदा होने पर बहुत याद आती है ये सहेलियां।

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20 HOURS AGO

बैठे है मन में कान्हा उसके,
करते है पीड़ा निवारण उसके,
है कृष्ण भक्ति में लीन वो जबसे,
सब कष्ट हर लेते है कान्हा उसके।

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YESTERDAY AT 17:23

लटक झटक मटक
दिल को उलझाए,
बलखाती कमरिया,
हिचकोले जब खाए,
मन की तृष्णा जग जाए,
हुई बावरी देख के तुझको,
नैन मेरे फिर लड़खड़ाए,
हो जाएगी रूह तृप्त,
गर बाहों का तेरी,
सहारा मिल जाए।

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YESTERDAY AT 16:25

ख्याल कई ज़हन में आते है,
कुछ सकारात्मक कुछ नकारात्मक,
मन को चारों ओर से घेर जाते है।

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YESTERDAY AT 1:09

निकला हूँ सफ़र पर मंज़िल अनजान है,
बढ़ते कदमों संग पीछे रह गया मकान है,
सोच रहा हूँ गुजारूं कुछ पल खुद के संग,
आज नहीं तो कल मेरी मंज़िल शमशान है।

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27 APR AT 20:19

जब तुम मुस्कुरा देती हो,
जब तुम उदास होती हो,
जब तुम गुस्सा होती हो,
जब तुम चिड़चिड़ी होती हो,
जब तुम प्रेम से लुभाती हो,
वहीं है मेरे लिए खूबसूरती।

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27 APR AT 19:32

सूरज का तेज,
जल की शीतलता,
समाई है दोनों जिसमें,
वो है साँझ की निर्मलता।

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26 APR AT 15:14

सुनो...!
शीशे की बोतल सा दिल साफ़ रखता हूँ,
सजा दो गुलदस्ता मोहब्बत का आकर,
जड़ो को प्रेम में डुबाकर रखता हूँ।

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26 APR AT 0:31

सुनो...!
बैठा रहता रात भर चाँद से बातें तेरी करता,
कब आ जाती नींद फिर ज़रा पता ना चलता,
ओढ़कर चादर शीतल मन को सकूँ है मिलता।

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