जीवन में
कर्म में
मानवता के धर्म में
सहनसीलता के अनुपालन में एवं
प्रेम सप्रेम बांटने के प्रयास में
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व्याकरण की सभी
मात्राओं में से
मुझे प्रिय है
अल्पविराम
जो प्रतीक है
ठहराव के साथ
निरंतरता का....-
निरंतरता ज़रूरी है हर काम
के लिए,निरंतरता ज़रूरी है
अपनी ज़िंदगी हर मंज़िल को
पाने के लिए,निरंतरता ज़रूरी
है खुदको तराशने के लिए,
निरंतरता ज़रूरी है भविष्य
की पहचान के लिए।-
थोड़ा रुको फिर चलो
लेकिन चलते रहना जरूरी है
मंजिल गर हासिल करनी है तो
निरंतरता जरूरी है
जीवन में अर्ध विराम को स्थान दो
बीच बीच में उत्सव मनाना भी जरूरी है
निरंतरता तथा संक्षिप्त विराम यात्रा को सरल बनाते हैं
हर स्थिति का सामना कर चलते रहना जरूरी है
गुरमीत
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कोई भी कार्य हो एक बार निश्चय कर लिया तो
उसे एकाग्रचित्त होकर पूरा करना जरूरी है
बीच में रुक गए तो आलस्य अवसाद का आना
एक फितरत एक मजबूरी है
लक्ष्य प्राप्ति के लिए सतत प्रयास करते रहना
अनवरत कार्य करते रहना जरूरी है
जीवन में आगे बढ़ना है तो निरन्तरता जरूरी है-
निरंतरता जरूरी है ध्यान के लिए
निरंतरता जरूरी है काम के लिए
निरंतरता जरूरी है मुक़ाम के लिए-
निरंतरता जरूरी है
निरंतरता जरूरी है,किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए।
जैसे माली सदा व्यस्त रहे,गुलशन को महकाने के लिए।
आज किया कल छोड़ दिया,जमाने को दिखाने के लिए।
किस्मत को जी भर के कोसा,मन को समझाने के लिए।
तराशना होता है नित्य पत्थर,हीरे का मूल्य पाने के लिए।
थोड़ा थोड़ा रोज चलना जरूरी,मंजिल तक जाने के लिए।
निरंतरता ही हुनर निखारे,लगे रहो अंतस चमकाने के लिए।
इस चमक से खुशियां रोशन होंगी,सफर सही चलाने के लिए।
गुरमीत
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जिसके लिये कोशिश पूरी है,
कमी है अगर प्रयास में तो,
फिर सफलता अधूरी है।-