Vijay Thakur   (मैं और मेरे अल्फाज़)
3.3k Followers · 9.6k Following

read more
Joined 6 June 2020


read more
Joined 6 June 2020
AN HOUR AGO

ख़ुद तक को भुला दिया हमने!
उसी ने अपना दुश्मन समझा हमें,
जिसकी चाहत के लिए ज़माने
को अपना दुश्मन बना लिया हमने!

-


4 HOURS AGO

मैंने खुद को ज़िंदगी
के हवाले कर दिया!
जीतना तो वक़्त से
मैं जानता था मगर,
"हार" को अपनी मैंने मेरे
अपनों की "जीत" कर दिया!

-


8 HOURS AGO

यह तय पहले कर लो तुम!
सफ़र शुरू हो गया तो फिर,
चाह के भी वापिस आ ना पाओगे तुम!

-


9 HOURS AGO

सब्र ही है हम में और क्या है यह ख़बर नहीं!
किसी ने क्या कहा, कैसे सोचा..
सब जानकर भी खामोशी से देखते सुनते रहे..
सबको यही लगा फिर भी की हमें कोई ख़बर नहीं!

-


30 APR AT 15:29

मतलबी लोगों की होड़ में,
अपनों और खुद को
कभी ना पीछे छोड़ना तुम,
खुद को वर्ना तन्हा और
टूटा पाओगे तुम अगले मोड़ में!
ज़िंदगी की दौड़ में.......

-


29 APR AT 13:05

पलकों से तेरे मैं कभी आंसू नहीं गिरने दूँगा!
जब कोई भी ना साथ हो तुम्हारे सहारे के लिए,
मैं तब तब भी तुम्हारा साथ दूंगा!
चाहे खुशी में ख्याल मेरा आए ना आए तुमको,
मगर ग़म के लम्हों खयाल में तुम्हारे जरूर आऊंगा!

-


29 APR AT 12:04

ग़म और खुशी की सहेली है!
कभी ग़म तो कभी खुशी के साथ रहती है,
कभी कभी हो जाती यह बिल्कुल अकेली है!

-


28 APR AT 13:34

लिख के खुद ही भूल जाता हूँ
मैं अपने जज़्बातों को,
दिल हल्का करने का यह
तरीका अच्छा लगता है मुझको!

-


28 APR AT 13:29

मोहब्बत करने तक बात नहीं थी ग़ालिब..
वो तो हर कोई आशिक बन जाता है यहाँ,
बात मोहब्बत निभाने की थी शायद..
वही शायद कोई नहीं निभा पता है यहाँ!

-


28 APR AT 7:29

Then World seems to be changed!
Now , that you are gone,
Life seems to be changed!

-


Fetching Vijay Thakur Quotes