It's been a beautiful journey ❤️
बहुत कुछ सीखा समझा और कमाया है यहां
अपने साथ लेकर जा रहा हूं ,इस सुंदर सफर के लिए शुक्रिया YQ-
साहित्य📖◾️ सिनेमा💽 ◾️संगीत 🎶
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शहर... read more
और अचानक मैंने देखा !
आसमान से टूटते तारे को
जो आ गिरा धरा पर
और तब मैंने जाना
कितना कठिन है
"अपनों को अपना "
बनाए रखना
संबंध संभालने में
आसमान भी असमर्थ है
-
जाते हुए मैंने कहा था कि लौट आना
'लौट आना ' ये विदाई के शब्द नहीं थे
इनमें मैंने बांध कर रखी थी ' उम्मीद'
उम्मीद की गठरी अभी भी लटक रही है
तुम्हारे आँचल से, पर वक्त के साथ
ढीली पड़ती रही है गांठ, सुनो
उम्मीदों के बिखरने से पहले
लौट आना...!-
तुमसे..
प्रेम करने का कारण ढूँढना...
"आकाशगंगा" के छोर पर खड़े होकर
अंतहीन तारों की गिनती करने जैसा है..-
केवल पृथ्वी एवं सूर्य के मध्य
चन्द्र की उपस्थिति ही
ग्रहण नहीं होती
ये तुम्हारे और मेरे
मध्य का मौन
भी ग्रहण ही है न?-
कविता
जो जन्म लेती है अंतर्मन में
विचार रूपी बीज से
कवि उसे धारण करता है
भावनाओं के गर्भ में
समय के साथ पोषित होती है
और
विकसित होते हैं उसके कोमल अंग
छंद, अलंकार, रस और श्रृंगार
फिर किसी स्याह रात में
जन्म लेती है
नवजात कविता,
जरा सोचो...
कितना सुखद होता होगा कवि होना!!-