मोबाइल में कुछ नंबर ऐसे भी होते हैं...
जो ना तो डायल होते हैं...
और ना ही डिलीट होते हैं...!!!-
हर इक बात की होती है अदालत में गवाही,
सच्चाई पे होता है हकीकत का गुमां और !
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शायर से तुम उसके राज़ ना पूछो...
कल खुद ही लिख देगा बस तुम आज ना पूछो!-
जिनको तेरी कहानी ही ना हो मालूम,
दिलचस्पी तेरे किरदार में उनको होगी कैसे भला।-
کتابوں کی طرح بہت سے الفاظ ہیں مجھ میں...
کتابوں کی طرح ہی بہت خاموش رہتا ہوں میں...
किताबों की तरह बहुत से अल्फ़ाज़ हैं मुझ में
किताबों की तरह ही बहुत ख़ामोश रहता हूं मैं
#नामालूम-
नामालूम किस अँधेरे में है वो
के उजाले में भी हम उसे दिखाई नहीं देते....-
नामालूम था कि, उसे मालूम हो जाएगा कि, मुझे उसकी फ़ितरत के बारे में, कुछ भी मालूम नही था..
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खिजां की रुत में गुलाब लहजा, बना के रखना कमाल ये है,
हवा की ज़द में दिया जलाना , जला के रखना कमाल ये है,
ज़रा सी लरजिश पे तोड़ देते हैं सब ताल्लुक ज़माने वाले,
सो ऐसे वैसों से भी ताल्लुक , बना के रखना कमाल ये है,
किसी को देना ये मशवरा के वो दुःख बिछड़ने का भूल जाए,
और ऐसे लम्हे में अपने आंसू छिपा के रखना कमाल ये है,
ख्याल अपना , मिजाज़ अपना , पसंद अपनी कमाल क्या है ?
जो यार चाहे वो हाल अपना बना के रखना, कमाल ये है,
किसी की राह से खुदा की खातिर उठा के कांटे,हटा के पत्थर,
फिर उसके आगे निगाह अपनी झुका के रखना , कमाल ये है,
हज़ार ताक़त हो, सौ दलीलें हों, फिर भी लहज़े में आजिज़ी से,
अदब की लज्जत, दुआ की खुशबू, बसा के रखना कमाल ये है।
- नामालूम-
हर कोई जुड़ा है ...यहां हर किसी से
बस! दूरी नामालूम बना रखी है "उसने"!-