हुआ यूँ के देर कर दी समझने में उसने
अब तो वो बात पुराने ज़माने की हो गई-
उसके दिल में मेरे लिये कुछ भी नहीं
इक ज़रा सी तकल्लुफ़ भी नहीं
अच्छा हुआ के हमने दूरी कर ली
दोनों के लिये शायद ज़रूरी भी यही
हर रिश्ते से खुदा नवाज़े उसको
इस रिश्ते की तो ख़ैर अब उम्र पूरी हुई-
कोई लिख ना पाया स्त्री को,कोई पढ़ ना पाया स्त्री को
समझना तो है दूर की बात,वो बस गढ़ पाया स्त्री को-
ज़िन्दगी सिखाने पे तुल गईं है
सुख और दुख बराबर के तल पर आ गये हैं
दिल, दिमाग और शरीर अब स्थिर रहता है
बेहिसाब खुशी हो तब भी बेहिसाब दुख हो तब भी
कोई साथ दे तब भी कोई साथ ना दे तब भी...
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"प्रेम" कभी मरता नहीं है
अगर कोई इंसान दिल से उतर जाए तो
वही "प्रेम" पेड़ पौधे फूलों पशु पक्षियों पर आ जाता है
लेकिन "प्रेम" कभी मरता नहीं है।-
तुम ससुराल की बात करती हो
अरे कुछ साल बाद तो मायके की हवा का रुख भी बदल जाता है-
बचपन जवानी शादी रिश्ते,
इन्हीं उलझनों की कश्मकश झेलते झेलते
अचानक एहसास होता है कि
वो समय कब का हाथ से निकल गया
हम जिंदगी जीने के बारे में सोचते रह जाते हैं,
ज़िम्मेदारियों का एहसास हमें घेर लेता हैं और हम वापस वर्तमान में आ जाते हैं यही प्रक्रिया रोज दोहराई जाती है रोज हम किसी बीते हुए समय में कुछ पल के लिए गुम हो जाते हैं
एक एक दिन कर के जीवन यूँ ही
बीतता चला जाता है.....-
Struggle of career makes you successful. But struggle of family relationships will drown you...
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