अगर आप इन अफ़सानों को बर्दाश्त नहीं कर सकते तो ये ज़माना ही नाक़ाबिल-ए-बर्दाश्त है
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' उन आँखों के दो आंसू से सातो सागर हारे ..'
ये पंक्ति उन जाबांज शहीदों के परिवार के लिए जिन्होंने अपने निर्भीक सपूतों को खोया है !!
क्योंकि हम मना रहे थे जब दिवाली, वो खेल रहे थे होली !!-
हंदवाड़ा में फिर आतंकियों द्वारा किए गए कायराना हमले में अपने 3 जवानों के शहीद होने की खबर से स्तब्ध हूँ।
माँ भारती की रक्षा में CRPF के सीटी संतोष मिश्रा, सीटी चंद्रशेखर और सीटी अश्विन शहीद हो गए। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति व इस दुःख की घड़ी में परिजनों को संबल प्रदान करें।-
शहादत को दिल से सलाम🙏🏻
वीर! एक वही था जो देश के खातिर कुर्बान हो चला
हमारी चैन की नींद के खातिर वो गहरी नींद सो चला
मातृभूमि के फर्ज के खातिर, जब सीना तानकर वो चला
माटी के कर्ज के खातिर, माँ की गोद सुनी कर सो चला
🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
#नमन #
जीव जन्म से,प्रथम शब्द तक,
स्नेह,मोह,कर्म शिक्षा तक,
रोम रोम है ऋणी जिसका,
प्रथम शिक्षिका माता के,
सहज,सतत पूजित चरणों मे,
मेरा शत शत बार नमन।
क्रोध मोह का अप्रतिम समन्वय,
पाषाण हृदय के कोमल,तल में जिसके,
निहित सार सच्चे जीवन का,
मान,हया, गर्व,जीवन धन,
जो निःस्वार्थ दान देता है,
प्रथमपूज्य चरणों को पिता के,
मेरा शत शत बार नमन।
पग पग देतें हैं साथ सदा,
तय करते हैं जो दिशा धर्म,
सिंचित करते हैं राष्ट्र वृक्ष,
जो खुद के लहू पसीने से,
शिक्षा मंदिर के सदेह ईश्वर को,
मेरा शत शत बार नमन।
है मेरा शत शत बार नमन।।
#गौरव #
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भ्रष्टाचार से मुक्त जब देश होगा
तभी सही मायनों में आज़ाद देश होगा
युवा पीढ़ी पढ़ लिख कर भी बेरोजगार
अरे इनके बारे में कुछ सोचो यार
हम उलझे रहे ये हिन्दू ये मुसलमान
मगर जहां राम प्रसाद बिस्मिल होंगे
वहां अशफाक उल्लाह भी होंगे
जहां अटल बिहारी होंगे
वहां अबुल कलाम भी रहेंगे
ये देश न किसी हिन्दू का
न किसी मुसलमान का
ये देश न किसी सियासी परिवार का
ये तो हर उस हिन्दुस्तानी का
जिसने दिल से इसे प्यार किया
जिसने इसे अपना सर्वस्व दिया
प्राणों को भी इसके लिए न्यौछावर किया
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मत देना चुनावी दलील कि फ़िर हमनें अपना जवान खोया है
उन चालिस के लिये सिर्फ़ तुम नहीं आज पूरा देश रोया है-
शब्दों में जुनूँ की इन्तेहाँ पंक्ति में राष्ट्रप्रेम की धमक रखती हूँ
पढ़ने वालों की साँसे थम जाए लेखनी में वो खनक रखती हूँ
जुबाँ केशरिया हरियाली वसन शशिश्वेत अंत:करण रखती हूँ
चीरदूँगी मस्तक दो टुकड़ोंमें अंग-अंग मैं भगत सिंह रखती हूँ-