हाल-ए-दिल शेयर बाज़ार सा हो गया है,
अब धड़कना नफ़ा-नुक़सान सा हो गया है।-
धीरे चल ले चल जिंदगी,
बस मरने तक ही तो जाना है
नफा-नुकसान क्या देखना,
बस खुद को ही तो आजमाना है-
अहले दिल अहले वफा और भी हैं..!
हम ही नहीं तुझसे खफा और भी हैं..!!
कहते थे हम इश्क़ में नफा और भी हैं..!
गलत थे तू ही नहीं बेवफा और भी हैं.!!
देते इश्क़ की सदा हमें और भी हैं..!
धोखा खा के अब हम खफा और भी हैं..!!-
💠Happy Sunday💠
*उन सभी को*
किसी भी जाति की बहन
बेटी से बलात्कार,
किसी भी खास या
साधारण की हत्या, में..!
खुद का फायदा देख, बोलने
लिखने वालों को छोड़कर।
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मोहब्बत में नही होता है घाटा कभी भी,
जीत होती है उसी की जो दिल हार जाता है!
देखा जिसने भी इसमें नफा और नुकसान,
प्यार को उसने फिर समझा ही कहाँ मेरे यार!-
प्यार मिला नहीं जितना
देने के लिए उतना कहाँ से लाती हो?
खोल कर हमे भी दिखाओ ज़रा
दिल के हिसाब की किताब अपनी
हर घाटे के सौदे को
नफा कह कर क्यों मुस्कुराती हो?!-
दिल के कारोबार में , नुकसान - नफा क्या
पट गया सौदा... तो फिर कीमत न पूछिये ।।-
मैं नफा - नुकसान नही जानती
क्योंकि " साहिब"
इश्क मे गणित को नहीं मानती-
मेरे साथ ही क्यों ,हर दफा
जरा कर तो खुलासा, ए बेवफा ....
क्या तुझको नुकसान है,दिखता
क्यों नहीं दिखता कोई नफा.....
दोनों की चाहत थी इसमें ,प्यार अपना था दोतरफा
तूने ऐसे ठुकरा दिया ज्यूँ ,प्यार मेरा था एक तरफा
अब ऐसे बहलाती जैसे,तुझसे सीखूं, यह फलसफा
मैं तो तुझको भूलनहीं सकता,मर्जी जितनी करले जफा
तू कितनाभी सताले मुझको,नहीं होउंगा,मैंतुझसे खफा
तेरी चाहत गर जो नही थी ,कर देती मुझे पहले रफा
प्यार की पींगे बढ़ाके तूने,अंत में दिया मुझे यह तोहफा
मेरे साथ ही क्यों .....हर दफा.......-