Rahul Gautam   (#Rahulquotes)
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Joined 22 August 2017


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28 SEP AT 12:21

लोग कहते हैं ज़िंदगी, हम जखम कहते हैं
उन्हें यकीन है लेकिन, हम भरम कहते हैं

ये बात.... कोई यूं हीं, कह नहीं सकता
ये बात खुलेआम सिर्फ हम कहते हैं

मेरे ‘शेर’ ...आसमां तक.... नहीं पहुंचे
भीड़ ज्यादा है शायद, हम ही कम कहते हैं

जिंदगी है, क्या तुमने जी के देखी है
तेरे जवाब को हम तेरा बस वहम कहते हैं

क्या सुने ! कि ये शायर बहुत निकम्मा है
यही इक बात वो हमसे, दम पे दम कहते हैं

मुझे तलाश रहे हो, तो मेरे साथ चलो
कि मुझे भी है तलाश मेरी, हम कसम कहते हैं..!!

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28 SEP AT 9:04

सड़कों को आपस में लड़ना चाहिए
जुड़ना नहीं चाहिए

आखिर उन्हें लोकतंत्र में
लोकतांत्रिक तरीकों का पता
तो होना ही चाहिए....!!

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24 SEP AT 7:37

इस ज़िंदगी में
बेचैनियां मुफ्त हैं

और कीमत...

ये जो न तुमसे ले ले..!!

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23 SEP AT 10:12

सरकारी क्वार्टर


जैसे कोई कविता

"विरह" की..!!!

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21 SEP AT 10:51

विष कन्याएं

शेष अनुशीर्षक में

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20 SEP AT 7:09

जिंदगी का फलसफा
जिन्दगी तक ही है ...

वाकई कितना अजीब है..!!

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19 SEP AT 13:26

" मृत्यु प्रमाण पत्र "

विरासत का लोकतांत्रिक
तरीका है

जबकि "वसीयत"

पूंजीवादी ...!!

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16 SEP AT 13:48

नियति है

मुंह में लार बनना

जबकि

लार टपकना

"नीयत" है ..!!

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15 SEP AT 15:36

हसरतों की खिड़कियां
हजार होती हैं

पर दरवाजे हमेशा
जरूरतों के ही
पाले जाते हैं...!!

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8 SEP AT 13:55

मनुष्य को
समस्याओं पर विजय प्राप्त करना
अच्छा लगता है

अन्यथा

उसका अहंकार चोट खाने लगता है.....!!

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