लोग कहते हैं ज़िंदगी, हम जखम कहते हैं
उन्हें यकीन है लेकिन, हम भरम कहते हैं
ये बात.... कोई यूं हीं, कह नहीं सकता
ये बात खुलेआम सिर्फ हम कहते हैं
मेरे ‘शेर’ ...आसमां तक.... नहीं पहुंचे
भीड़ ज्यादा है शायद, हम ही कम कहते हैं
जिंदगी है, क्या तुमने जी के देखी है
तेरे जवाब को हम तेरा बस वहम कहते हैं
क्या सुने ! कि ये शायर बहुत निकम्मा है
यही इक बात वो हमसे, दम पे दम कहते हैं
मुझे तलाश रहे हो, तो मेरे साथ चलो
कि मुझे भी है तलाश मेरी, हम कसम कहते हैं..!!
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Rahul Gautam
(#Rahulquotes)
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सीधी और सरल हिंदी , बिना किसी जटिलता के भाव दिल तक पहुंचे उसी का प्रयास ....आप सभी के सहयो... read more
Joined 22 August 2017
28 SEP AT 12:21
28 SEP AT 9:04
सड़कों को आपस में लड़ना चाहिए
जुड़ना नहीं चाहिए
आखिर उन्हें लोकतंत्र में
लोकतांत्रिक तरीकों का पता
तो होना ही चाहिए....!!
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19 SEP AT 13:26
" मृत्यु प्रमाण पत्र "
विरासत का लोकतांत्रिक
तरीका है
जबकि "वसीयत"
पूंजीवादी ...!!
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15 SEP AT 15:36
हसरतों की खिड़कियां
हजार होती हैं
पर दरवाजे हमेशा
जरूरतों के ही
पाले जाते हैं...!!
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8 SEP AT 13:55
मनुष्य को
समस्याओं पर विजय प्राप्त करना
अच्छा लगता है
अन्यथा
उसका अहंकार चोट खाने लगता है.....!!
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