दिल में मकाम रखता था बाद में
न जाने खयालों में क्यूं रह गया-
वास्तविकता कुछ भी नह... read more
मुड़ी बड़े पापा हमारे प्यारे पर पापा मम्मी की जान
मम्मी से बोल कर करवा लेते हैं पापा से हमारे काम-
हर दुर्घटना के बाद भय, आशंका और सवालिया मिश्रित दुःख होना लाजमी है । दुर्घटना के बारे में क्या कहे भाग्य का लिखा, भगवान की इच्छा, भूल का परिणाम, या इन कारणों का मिला जुला प्रतिफल !मगर किसी के द्वारा साजिशन दुर्घटना को दिया गया अंजाम, डर और दुःख नहीं घृणा और क्रोध की भावना पैदा करता है ।
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दुःख साथ नहीं
निभाने का नहीं है
दर्द अगले ही चौराहे पर
साथ छोड़ देने का है-
आदतों से
बेपरवाह हूं जमाने
की नज़र में नकारा हूं
मेरी नज़र में ए दोस्त
तुम मेरे सच्चे हमदर्द हो-
जिंदगी भर का साथ है,हाथों में
हाथ है और क्या चाहिए सौंधी
बयार है ,मदहोश करने को
सुरमई शाम है-
कितनी दूर तलक जाती
कागज़ की नाव
झूठी खुशियां देते हैं
खयाली पुलाव,
ठहर नहीं सकते
बारिश के बहाने से
आना होता अगर
आ जाते हर हाल में-
दिल की कलियां खिल गई साजन को सजनी मिल गई
सजनी ने जो चाहा था तोहफा वो साजन से मिल गया-