देखो यह साल भी बीता दिया मानो समय पंख लगा उड़ा दिया बहुत कुछ सीखा जिदँगी में कुछ रिश्ते हैं प्यारे अनमोल कुछ रिश्तों का न था मोल जिनका भार उठाना छोड़ दिया मानो समय पंख लगा उड़ा दिया
कुछ ख्वाहिशों को दफन किया कुछ हसरतों को नमन किया हौसले को बुलंद करने के लिए आशा से बाधा का पतन किया गैरों से मुहँ मैनें मोड़ लिया मानो समय पंख लगा उड़ा दिया