स्त्रीत्व की रक्षा करते करते वह खुद खाक हो गई
फिर भी उसके चरित्र पर ही दाग तराशते रहे लोग
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💕कृपया फोलो करने वाले... read more
दीवाना यह दिल हुआ है
जबसे तुम्हें देखा है
ना नींद ना चैन है
बस मन बहका है
मिले नसीब अपना
इसमें तेरे नाम की ही रेखा है।-
आपकी ही आगोश में जीवन यह निसावर करती हूं
बिना आपके कोई भी पल जीना मैं दुश्वार करती हूं
रब के अलावा सिर्फ आपके ही सजदे में सिर झुका
हां, मैं आपसे अपनी मोहब्बत का इज़हार करती हूं-
नजरों से नजरों को मिलाए बैठे हैं
मिलन के ख्वाब सजाए बैठे हैं
क्यों इतना इंतजार करवाते हो
हम दिल का तोहफा लाये बैठे हैं-
इस कड़वाहट से न मुझे देखो जब जीवन तुम्हारे नाम है।
मन से ये बोझ उतार , तू ही मेरी सुबह तू ही मेरी शाम है-
ममत्व का रिश्ते में वात्सल्य जरुरी है
यह समर्पण है न ही कोई मजबूरी है
कितने ही उतार - चढ़ाव हो रिश्तों में
पर जीवन में सामंजस्य जरुरी है-
बातों में दर्द
मुलाकातों में दर्द
झलकता है पर
बेदर्दी समझता नहीं है
अब जुदाई सही नहीं जाती-
सुकून भरी जिंदगी के लिए ही इतने ख्वाब पिरोए हैं
शांति के साथ दो जून की रोटी का सपना संजोए हैं
ये मजदूर है साहब इनके शरीर का अथक प्रयास है
कठिन मेहनत करने के बाद ही गहरी नींद में सोए हैं-
अनकहे जज्बातों का समुद्र है हमारे दरमियां
उमंगों की लहर सिर्फ मेरे मन में समायी हुई है
तुम अंजान हो इस दिल के भंवर से जिस तरह
बावजूद उसके जहन में तेरी याद छाई हुई है।-