हमेशा प्यार के नाम पर
ज़हर ही तो पीता आया हूं |
दिल में अपने सारे दर्द छुपाकर,
तेरी दुनियां में ही तो ,
अब तक मैं जीता आया हूं |-
तेरी काली ज़ुल्फों में
दिल खो जाना चाहता हैं..
ये तेरी आंचल की शोखियों पे
ये दिल, तेरे दामन में उलझ जाने को चाहता हैं..
ये तेरी चंचल शोंख अदाओं पे
मचल जाने को जी चाहता हैं..
ये ग़ुलाबी से होंठ, काले कजरारे नैन में
ये दिल बहक जाने को चाहता हैं..
अब कैसे मनाऊं ख़ुद को मैं
ख़ुदा कसम
अब तो तुझ पे मर मिटने को जी चाहता हैं..!-
तेरी चाहत में मैने
सबकुछ भूला दिया
तू नजरे चुराती रही
मैने तुझको अपना बना लिया
खोए रहना चाहती थी
तू बस मेरी याद में
तेरे बाहो में मैने अपना
आशियाना बना लिया
-
काश देखूँ
तेरे लबों की पंखुड़ियों से निकलती श्वेत सांसें,
ओस की बूंदों सी तू नहाके इन सर्दियों में कहीं मिले मुझे,
देखो.., यह बर्फ़ हर साल ,पहाड़ों से मिलने आती है
चार छै महीने रहेगी साथ, रिसेगी, धीरे-धीरे पिघलेगी,
रिबाज़ तू भी यह मौसम का निभाएगी क्या..,
बस ईक पहर ही आके ठहर जाना.., जानां
मेरी किसी तन्हा दोपहर की गुनगुनी सी धूप बनकर,
मैं तेरी यादों को सुखाकर फिऱ से ओढ़ लूंगा
बाकी ऋतुएं आयेंगी जायेंगी, तेरा इंतजार तो यूँ ही रहेगा;-
मेरे बालों से खेलती हैं, मुझे बहुत सताती हैं,
तेरी यादें जब किसी शाम मेरे बरामदे में आती हैं !!-
तेरी इत्र- सी तासीर मुझमें कभी घुली हीं नहीं ,
हुस्न-ऐ-बाजार में तेरी बात फिर मिली हीं नहीं ! !
❤ ❤ 💔 ❤ ❤-
याद करूं मैं तुझे ,महकती. शामों में ,
रहे इंतजार आंखों को तेरी राहों में |
हूं मैं रूबरू बस तेरी यादों से ,
रहे याराना तेरा साथ मेरे ,हर पलों में |
करू अरजू मिलने की तुझसे ,
आती-जाती हर सुबहों और हर शामो में |
गुजारिश है तुझसे नहीं जाऊंगी छोड़ के ,
जरा हाथ थाम ले मेरा ,
गुलशन से भरी अपनी जिंदगी में|-
तेरी यादों का नशा है मुझे चाय की तरह
सुबह सबसे पहले तेरी ही याद आती है-