एक उम्र गुजार दी मैंने जिसके इंतज़ार में,
वो आज भी इसी उलझन में हैं कि
मैंने किया क्या है उनके लिये.......
(इंतज़ार)-
🍫🎂25 oct🎂🍫
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✍️कुछ खाश तो नही,गम~ये~एहसास लिखती हूँ
,मैं कोई शाय... read more
ना जाने क्यों कदम अक्सर वहीं से डगमगाते हैं,
जहां से मंजिल बहुत करीब होती है।-
बेसक गलती मेरी थी तुझसे यूँ ही रूठने की.
तूने तो मुझे मनाना भी मुनासिब नही समझा।
बेशक मैं नासमझ थी तेरी बातों से
तूने तो समझाना भी मुनासिब नही समझा।
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यदि आप किसी पे हद से ज्यादा यकीन करने लगते हो,
तो यकीनन वो मनुष्य छल कर जाता है आपके साथ😐-
मन्द-मन्द मुस्कान के पीछे राज गहरा है
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ख्वाब अब और कुछ आते नही,
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हर वक्त आँखो पे तेरा ही पहरा है।-
गुजर गए वो लम्हें, जिन्हें हम जीते थे कभी,
अब तो तन्हाइयों के नगमों से दिल लगा
बैठे हैं।।-
आँखो में फिर कुछ नमीं सी लगती है,
शायद फिर इन्हें, तेरी कमी सी लगती है।।-
ख्वाब तो सपनों में ही पूरे होते है अक्सर,,
हकीकत तो कुछ और ही दस्तक देती है।
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❤️हौसलें जब गिर जाये🤝हाथ थाम लेती है तू❤️
😓गर जो नम हो जाएं ,आंखे ये मेरी ,खुद भी रो देती है तू🙏😘 "माँ"❤️-
कुछ तो कमियां रह गईं मेरे मोहब्बत में शायद,
तभी तो वो आज तक,हमसे खफा बैठें हैं।-