हर हाल में, मैं पाना चाहूं तुझे
ऐसी मोहब्बत नहीं मेरी
जा आज़ाद छोड़ती हूं तुझे
कर जो करना,मर्ज़ी तेरी-
2 JUL 2021 AT 23:31
2 FEB 2022 AT 18:21
दास्ताँ-ए-मोहब्बत 'शिवि' की मशहूर है बहुत
थाम लो मेरा हाथ कि दिल मजबूर है बहुत-
21 JAN 2019 AT 21:27
कशमकश के इस सफर का छोर नहीं पाता हूं,
हर मोड़ पे तुझे छोड़कर तुझमें ही मिल जाता हूं।-
12 MAR 2020 AT 15:37
बिखरा पड़ा है तेरे ही घर में तेरा वजूद
बेकार महफ़िलों में तुझे ढूँढता हूँ मैं-
26 JUL 2021 AT 9:35
भुला रहे हैं हम उसे रफ्ता रफ्ता...
किस्तों में खुदकुशी का मजा हमसे पूछिए..!!-
12 APR 2019 AT 18:33
जिसने देखा तुझे तेरा मुरीद हो गया
लड़की नहीं तुम, कोई हकीम हो जैसे
-©सचिन यादव-
5 FEB 2019 AT 15:20
और वो जो तुम अपने चेहरे पर आती हुए बेचैनियों को
यूँही मुस्कुरा कर छिपा लेते हो ना,
यकीन मानो मैं भी वहीं पर ही कहीं ठहर जाती हूँ..!!-